टिहरी। गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति टिहरी गढ़वाल के बैनर तले पर्यटन विभाग धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर के द्वारा आगामी 13 से 24 फरवरी तक तपोवन ऋषिकेश में “राफ्टिंग व्यवसायियों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला “आयोजित किए जाने की आवश्यक तैयारी कर ली गई है। इस आशय की जानकारी जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय महर ने प्रेस से बातचीत में संयुक्त रूप से साझा की है।खुशाल सिंह नेगी जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी एवं डॉ महर ने बताया कि उत्तराखंड में जल पर्यटन और राफ्टिंग के क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। ऋषिकेश क्षेत्र विश्व पटल पर “राफ्टिंग हब”के रूप में उभर रहा है इस तथ्य को मद्देनजर रखते हुए हमारा दृष्टिकोण है कि हमारी राफ्ट, इसके प्रबंधक, संचालक, तकनीकी ज्ञान, कौशल, पर्यटन संवाद में विश्व स्तरीय मापदंडों के अनुसार अपने को तैयार करें। इससे जहां पर्यटन व्यवसाय से राज्य की आर्थिकी बढ़ेगी वही रोजगार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में आशातीत वृद्धि होगी ।प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य भी यही है।प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए डॉ महर ने बताया कि 13 फरवरी उद्घाटन सत्र के अवसर पर प्रोफेसर एस सी बागड़ी पूर्व कुलपति हिमगिरी जी विश्वविद्यालय देहरादून, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता, प्रशिक्षण संरक्षक के रूप में प्रोफेसर आर के उभान प्राचार्य धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर, समन्वयक के रूप में जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी एवं जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी तथा सह- समन्वयक के रूप में डॉ विजय प्रकाश भट्ट पर्यटन विभाग राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यशाला में नामचीन राफ्टिंग व्यवसायी ,नव व्यवसायी ,स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।12 दिवसीय इस कौशल विकास कार्यशाला में प्रदेश एवं देश के लगभग 900 प्रतिभागियों के प्रशिक्षण लेने की संभावना है जो की राफ्टिंग प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य की पहली बड़ी इवेंट है। डॉक्टर मैहर ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को राष्ट्रीय एवं विश्व स्तरीय विशेषज्ञों की सहायता से पर्यटन एवं राफ्टिंग व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा जिसमें प्रबंधन, नियोजन,निवेश, पर्यावरण, संस्कृति एवं इतिहास, साहसिक पर्यटन में सुरक्षा एवं बचाव, संचार कौशल, पब्लिक स्पीकिंग,नेतृत्व क्षमता एवं तकनीकी ज्ञान आदि पहलुओं पर विस्तार से प्रशिक्षित किया जाएगा। अभी सभी स्टेकहोल्डर्स को 13 फरवरी का बेसब्री से इंतजार है।