चंन्द्रदीप्ति के 13वें अंक का विमोचन एवं चन्द्रीप्ति सम्मान समोराह संपंन
उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 शिक्षकों को भी किया गया सम्मानित
जीवन में नैतिकता और अनुशासन का होना जरूरी: राणा
रुद्रप्रयाग। राइंका बसुकेदार में चंद्रदीप्ति के 13वें अंक का विमोचन एवं ’चंद्रदीप्ति’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 शिक्षक/शिक्षिकाओं तथा सामाजिक कार्यों में विशिष्ट योगदान के लिए 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं को ’चंद्रदीप्ति’सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट सेवा मेडलों से सम्मानित रिटायर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा ने छात्रों से कहा कि अब इस देश का भार तुम्हारे ऊपर है। उन्होंने कहा मैं एक फौजी हूं और मैंने 40 साल तक राष्ट्र की सेवा की है और अब यह भार तुम्हारे हाथों में है। उन्होंने बच्चों को जीवन में नैतिकता और अनुशासन का महत्व बताया। साथ ही राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने और साहित्य के योगदान पर विशेष चर्चा की। इस दौरान चंद्रदीप्ति के 13वें अंक का विमोचन किया गया, जबकि बसुकेदार की छात्राओं ने लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। इसके अलावा कविता मैठाणी भट्ट ने दादू मि पर्वतों को वासी, ओमप्रकाश सेमवाल ने साहित्य-समाज एवं लोक संस्कृति की कविताएं और सुन्दर गीत हंसदि रौ का सुन्दर गायन किया। कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं सामाजिक कार्यों में विशिष्ट योगदान देने पर बीस सामाजिक कार्यकर्ताओं को ’चंद्रदीप्ति’सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर चंद्रदीप्ति के प्रधान संपादक विनोद प्रकाश भट्ट ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आंेकारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग, कलश’ संस्था के संस्थापक ओम प्रकाश सेमवाल, प्रसिद्ध रंगकर्मी लखपत सिंह राणा, त्रिलोचन प्रसाद सेमवाल, कविता मैठाणी भट्ट, विश्व मोहन जमलोकी, बृजमोहन चंद्र भट्ट, भगवती प्रसाद भट्ट समेत कई लोग उपस्थित थे।