भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक का भारत दौरा तय हो गया है। वांगचुक असम राज्य में इस दौरे के पहले चरण में 3 नवंबर को पहुंचेंगे। उनका इस दौरे का असम में तीन दिनों का यात्रा निर्धारित है। बता दें कि चीन के साथ अपने सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की सहमति बनाने के कुछ ही दिनों बाद भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक का भारत दौरा तय हुआ है।
असम के अलावा, उनकी यात्रा नई दिल्ली और महाराष्ट्र में भी होगी। नई दिल्ली में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की योजना बनाई है। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि 3 से 10 नवंबर तक भूटान के राजा का भारत दौरा होगा, जिसके दौरान वे भारतीय अधिकारियों के साथ दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस मौके पर भारत और भूटान के संबंधों को मजबूत करने और उन्हें आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करने की योजना बनाई है।
विशेषज्ञ यह यात्रा को महत्वपूर्ण मान रहे हैं। यह फ़िलहाल चीन और भूटान के विदेश मंत्रियों के बीच 23 अक्टूबर, 2023 को हुई महत्वपूर्ण बैठक के बारे में बता रहे हैं, जिसमें वर्तमान सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की सहमति हुई है। इस सहमति का भारत के हितों पर भी दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है। माना जा रहा है कि इस चीन-भूटान सीमा समझौते के मुद्दे के बारे में चर्चा करने के दौरान भारत सरकार के प्रतिनिधियों के साथ चीन-भूटान के बीच बातचीत का अहम हिस्सा बनेगा।
चीन द्वारा भी यह वक्तव्य किया गया है कि वह भूटान के साथ पूर्णकालिक रूप से कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के पक्ष में है। पहले तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देखा जाता था कि भूटान अपने हितों को भारत के साथ जोड़ता है। लेकिन हाल के सालों में यह दिख रहा है कि चीन भूटान को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। इस समझौते में वो क्षेत्र भी शामिल है जिसमें डोकलाम भी आता है, जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के पूरे हिस्से से जोड़ता है, जैसे कि सिक्कम व असम के बीच-चिकेन नेक से उत्तर दिशा में है।
इस सड़क मार्ग की निगरानी करना अब आसान हो जाएगा, जो भारत और पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ता है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र में चीन की ओर से किसी प्रकार की गतिविधि को लेकर भारत का सख्त विरोध है। साल 2017 में डोकलाम में, चीन द्वारा एक नई सड़क मार्ग बनाने के लिए चीन और भारत के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई वार्ता के बाद ही सामान्य किया जा सका था।
बताया जा रहा है कि भूटान ने स्पष्ट किया है कि डोकलाम का मुद्दा सिर्फ़ चीन और भूटान के बीच ही नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा हुआ भारत भी है और किसी भी समझौते के लिए सहमति तब होगी, जब तीनों देश सहमत होंगे। इसके बावजूद, भारत लगातार भूटान को अपनी स्थिति से अवगत कराता रहा है।