पंजाब पुलिस द्वारा निलंबित एआइजी मानवाधिकार मालवींदर सिंह सिद्धू को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। गतिवर्ष, उन्हें विजिलेंस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ अव्यवस्थित व्यवहार और हिंसात्मक वारदात के आरोप में मोहाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। अब शनिवार को विजिलेंस ने उन्हें जबरन वसूली, धोखाधड़ी और रिश्वत लेने के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि सिद्धू ने खुद को विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारी बताते हुए ड्राइवर कुलदीप सिंह और बलबीर सिंह के साथ मिलकर अनुसूचित जाति और स्वतंत्रता सेनानियों के विभागों में कई व्यक्तियों के रिकॉर्ड को प्राप्त किया। फिर, उनके खिलाफ दर्ज किए गए शिकायतों को उनके ऊपर ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने शिकायतों को वापस लेने के बजाय रिश्वत भी ली। इस मामले की जाँच जारी है, और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
सिद्धू ने 2017 से मानवाधिकार सेल में एआइजी के रूप में काम किया है, जहां उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी, जिनका नाम आर्टिगा (पीबी 65 एडी 1905) है, का दुरुपयोग किया है। वह तेल और अन्य व्यय को सरकारी खातों से चुकता करते रहे हैं, लेकिन कभी भी इस वाहन के प्रयोग का रिकॉर्ड नहीं बनाया गया।
सिद्धू ने एक दिन ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अधिकारी, राजपुरा के दफ्तर में काम करने वाले एक डाटा आपरेटर के पास जाकर खुद को एआइजी विजिलेंस ब्यूरो पंजाब के रूप में पेश किया और उससे एक सरकारी शिक्षक की सर्विस बुक की फोटो कॉपी प्राप्त की। उन्होंने मोबाइल पर उस सर्विस बुक के प्रारंभिक पन्नों की फोटो खींच ली थी।