एक बिहार के एक शिक्षक ने बड़े ही अजीब तरीके से रेलवे हादसों को लेकर बड़ा ही बेतुका मज़ाक किया था। पुलिस की जांच में पता चला कि वो शिक्षक ने वंदे भारत एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी जैसी ट्रेनों को धमकियों के बारे में बात करते हुए डिमांड लिखी थी, और वो भी डिमांड के लिए 2.5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांग रहे थे। इस चिट्ठी में वो दूसरे शिक्षक को पकड़वाने के लिए धमकियां दी थी। इस वजह से पुलिस खुद परेशान हो गई, क्योंकि उन्हें इस अजीब चांदनी बदल से संबंधित जानकारी मिल गई थी, जो वास्तव में खोजना मुश्किल था।
रेलवे के डीएसपी सुशांत कुमार चंचल के अनुसार, इस ही चिट्ठी में एक प्रमुख स्टेशन प्रबंधक को भेजा गया था, जिसमें धमकियां दी गई थी और 2.5 करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी। इस चिट्ठी में लिखा गया था कि यदि यह रकम नहीं दी गई, तो वंदे भारत, राजधानी, जनशताब्दी ट्रेन आगे नहीं चलेंगी।
पहले लेटर की अनदेखी करने पर आपलोग ने नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के साथ हाल ही में हुए एक हादसे का उल्लंघन किया होगा। इसके बाद, रेलवे प्रशासन बेहद परेशान हो गया और तुरंत मामले का केस दर्ज किया और छानबीन में जुट गई।
रेल पुलिस ने इस घटना को तेजी से नियंत्रित करने के लिए एक खास टीम की तैयारी की। उन्होंने चिट्ठी में दिए गए मोबाइल नंबर का लोकेशन और विवरण प्राप्त किया। इसके बाद, पता चला कि यह नंबर पटना के रामकृष्णानगर में निवास करने वाले कमलदेव सिंह का नंबर था। शनिवार की रात, रेल पुलिस ने कमलदेव के घर पहुंचा। कमलदेव से पूछताछ के दौरान, उसने यह बताया कि वह चिट्ठी नहीं लिखी थी। रेल पुलिस ने उसकी लिखावट और चिट्ठी की लेखनी की जांच की, लेकिन यह सबूत साबित नहीं हुआ।
जांच के दौरान, कमलदेव ने बताया कि यह काम बहादुरपुर में निवास करने वाले कामता प्रसाद द्वारा किया गया था। कामता प्रसाद पटना सिटी के एक स्कूल में शिक्षक है। उसने जबरदस्ती किया था कि कमलदेव चिट्ठी लिखें। इसके बाद, पुलिस ने कामता प्रसाद के घर पहुंचा। जांच के दौरान, मिले सबूतों और कामता प्रसाद से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीनों के मामले में करोड़ों रुपये की चोरी की बात सामने आई थी, और इस आरोप में 4 महीने पहले कामता प्रसाद को जेल भेजा गया था। कुछ दिन पहले, उसे जमानत पर छूटने दी गई थी।