उत्तराखंड की पहली गढ़वाली सस्पेंस थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री पर आधारित अजाण फिल्म जल्द ही आपके नजदीकी सिनेमाघरों में।

आजकल, उत्तराखंड का सिनेमा एक नयी दिशा में अग्रसर हो रहा है। गढ़वाली भाषा में बनी फिल्में अब उत्तराखंड के सिनेमाघरों में धड़कने लगी हैं। इसके पीछे एक खास कारण है – यहां के फिल्म निर्माताओं द्वारा पेश किया जा रहा है नया और उद्भावन कंटेंट, जिसकी गुणवत्ता बॉलीवुड फिल्मों के साथ टकरा खा रही है। अब गढ़वाली फिल्मों में एक्शन का भी स्वाद मिल रहा है, साथ ही सस्पेंस और मर्डर मिस्ट्री जैसी कहानियों का आनंद लिया जा सकता है।

नवंबर के आखिरी दिनों तक, उत्तराखंड के पहली सस्पेंस थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री पर आधारित एक फिल्म को बड़े पर्दे पर देखा जा सकेगा। इस फिल्म के निर्देशक अनुज जोशी ने मीडिया से बात करते समय बताया कि इस फिल्म का नाम ‘अजाण’ है और यह उत्तराखंड के पहाड़ों के लोगों के अपराध रहित जीवन की कहानी को दर्शाती है। इस फिल्म के सभी सीन्स दर्शकों में रोमांच और उत्साह पैदा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग के लिए उत्तराखंड में पहली बार कई बड़े सेट्स का निर्माण भी किया गया है। इस नए उत्तराखंड सिनेमा अवदान से, वहाँ के चलचित्रकारों ने एक नयी पहचान बनाने का संकल्प लिया है और अब यहाँ की फिल्में अपने उच्च मानकों और विविध विषयों के साथ आगे बढ़ रही हैं।

फिल्म की गेस्ट अपीयरेंस करने वाली ‘जै मां धारी देवी’ की प्रमुख अभिनेत्री शिवानी भंडारी ने बताया कि यह फिल्म उत्तराखंड के सिनेमा को एक नया दिशा देगी। गढ़वाली भाषा में बनी इस तरह की फिल्में अब तक अपने दर्शकों के लिए स्पष्ट नहीं थीं, लेकिन अब इसमें बदलाव हो रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस फिल्म को देखने के लिए आएं।

फिल्म ‘अजाण’ का स्तर बॉलीवुड की फिल्मों के समकक्ष है। इसकी कहानी एक युवती की मर्डर मिस्ट्री पर आधारित है, जो उत्तराखंड में अद्वितीय है। यहां के लोग अक्सर बेहद ईमानदार होते हैं, लेकिन इस कहानी में दिखाया गया है कि उस लड़की के मर्डर केस में कैसे कुछ लोग उत्तराखंड के भोले-भाले लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं, और वह खुद को बेगुनाह साबित करने का प्रयास करती है।

फिल्म ‘अजाण’ को गढ़ रत्न नरेंद्र नेगी और पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने भी सराहा है। वे कहते हैं कि इस फिल्म से उत्तराखंड के सिनेमा को एक नई दिशा देगी और गढ़वाली फिल्मों के स्तर को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगी। तकनीकी दृष्टि से भी, यह फिल्म उत्तराखंड के सिनेमा को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

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