मोहन भागवत ने कहा कि मुस्लिम समुदाय भी हमारे संघ के सदस्यों के रूप में शामिल हो सकते हैं और वे किसी भी तरह से पराये नहीं होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों की सोच संघ के खिलाफ है, वे भी अंत में हमारे ही हैं और उनसे हमें जुड़ना चाहिए।
मोहन भागवत ने यह भी कहा कि हमें अपने विरोधियों से अधिकतम संवाद और समझदारी से काम करना चाहिए ताकि हमारा नुकसान न हो।
लखनऊ में चार दिनों के दौरे पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुझाव दिया कि हमें विरोधियों की सूची तैयार करके उनसे संपर्क करना चाहिए।
संघ अब प्रबुद्ध वर्ग के सभी लोगों को जोड़कर आगे बढ़ेगा। उन्होंने चिकित्सकों, शिक्षकों, सेना अधिकारियों, अधिवक्ताओं, और स्वतंत्रता सेनानियों के साथ संपर्क बढ़ाने की योजना बताई।
संघ अपनी विचारधारा के विरोधी लोगों को भी संघ के साथ जोड़ने का प्रयास करेगा, जैसे कि सपा, बसपा, और कांग्रेस की विचारधारा के विरोधी लोगों को भी संघ के साथ चलने का मौका मिलेगा।