जांबाज पुलिस ऑफिसर की कहानियां हमारे समाज के लिए बड़ी महत्वपूर्ण होती हैं। इन कहानियों से हमारे बच्चे सीखते हैं और इन पुलिस ऑफिसर्स को अपना आदर्श मानते हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुँचाया। इन ऑफिसर्स का महत्वपूर्ण योगदान हमारे देश के अमन और शांति के लिए होता है। ऐसे ही एक जांबाज पुलिस ऑफिसर है दीपक कुमार।
दीपक कुमार ने उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा दी है और वह एक प्रमुख एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं। उन्होंने अब तक 56 अपराधियों का एनकाउंटर किया है। दीपक कुमार यूपी के सबसे भरोसेमंद ऑफिसरों में से एक हैं, लेकिन यह आपको हैरान कर सकता है कि उनकी बचपन से ख्वाहिश थी की कलम के सिपाही यानी पत्रकार बनकर देश की सेवा करें, लेकिन परिवार वालों ने चाहा कि वे आईपीएस ऑफिसर बनें।
दीपक कुमार का जन्म बिहार के बेगूसराय में हुआ था। उनका परिवार किसान था और उनकी पढ़ाई-लिखाई भी वहीं हुई। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से प्राप्त की, और फिर वे बनारस गए जहाँ से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इकोनॉमिक्स में ग्रेजुशन करने के बाद, उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और फिर पत्रकारिता में करियर बनाने की कोशिश की, लेकिन परिवार वालों की सलाह पर वे सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी।
दीपक कुमार ने अपनी सेवा को गाजियाबाद, अयोध्या, अलीगढ़, और कई अन्य जिलों में भी दी। 2017 में उन्हें लखनऊ में पोस्ट किया गया, और वहाँ वे अपने कामों में काफी मशहूर हो गए। लखनऊ में हर साल मुहर्रम के जुलूस के साथ हिंसा की खबरें आती थी, लेकिन दीपक कुमार ने अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करके मुहर्रम के जुलूस का मार्ग बदल दिया, जिससे तनाव कम हो गया। इस काम के लिए उन्हें जमकर प्रशंसा मिली।
दीपक कुमार ने कई महत्वपूर्ण अपराधियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने राज्य में फैले बांग्लादेशी गिरोह को पूरी तरह से नष्ट किया और राजस्थान के बावरिया गैंग को भी खत्म किया। वर्तमान में वे आईजी पद पर कार्यरत हैं, और इसी साल जनवरी में उन्हें अलीगढ़ रेंज के डीआईजी से प्रमोट करके आईजी बनाया गया है।