इकॉनोमी को कमजोर करती हैं मुफ्त की सुविधाएं; धनखड़ बोले, हमें पॉकेट नहीं, दिमाग को

नई दिल्ली।उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मानव अधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। दिल्ली के भारत मंडपम में लोगों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि समाज में जिस तथाकथित मुफ्त उपहार की अंधी दौड़ देखने को मिल रही है, उसकी राजनीति खर्च करने संबंधी प्राथमिकताओं को विकृत कर देती है।

उन्होंने इस बार पर जोर दिया कि जरूरत जेबों को नहीं, बल्कि मानवीय मस्तिष्क को सशक्त करने की है। कार्यक्रम में मुख्यातिथि धनखड़ ने कहा कि वित्तीय अनुदान से जेबों को सशक्त करके केवल निर्भरता बढ़ती है। तथाकथित मुफ्त चीजों की राजनीति, जिसके लिए हम एक अंधी दौड़ देखते हैं, वह व्यय प्राथमिकताओं को विकृत कर देती है। आर्थिक दिग्गजों के अनुसार, मुफ्त चीजें व्यापक आर्थिक स्थिरता के बुनियादी ढांचे को कमजोर करती हैं।

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