सोशल मीडिया ने हाल ही में आईएसआई (Inter-Services Intelligence – ISI) को हथियार बना दिया है, क्योंकि यह लगातार युवाओं को अपने चाकर में फंसा रहा है। उत्तर प्रदेश के कुछ युवाओं के संबंध पाकिस्तानी हैंडलर के साथ होने के संदेह के कारण पुलिस द्वारा गहरी जांच की जा रही है। एटीएस (Anti-Terrorism Squad – ATS) ने शुक्रवार को शैलेश कुमार को जिन्हें शैलेंद्र सिंह चौहान के नाम से जाना जाता है, को हिरासत में लिया है और उसके साथ नए से साक्षात्कार की शुरुआत की है।
शैलेश कुमार का आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहे थे, और एटीएस अब उसके साथियों की खोज कर रहा है। सोशल मीडिया का उपयोग करके आईएसआई ने युवाओं को अपने चक्कर में फंसाने का प्रयास किया है, और प्रदेश के कुछ अन्य युवाओं के संबंध पाकिस्तानी हैंडलर के साथ होने के संदेह के चलते पुलिस द्वारा उनकी तलाश में तेजी लाई गई है। एटीएस ने शुक्रवार को शैलेश को हिरासत में लिया और उसके साथ नए सिरे से पूछताछ की शुरुआत की है।
सूत्रों के मुताबिक, आईबी (Intelligence Bureau), मिलेट्री इंटेलिजेंस (Military Intelligence), और अन्य जांच एजेंसियों ने भी शैलेश से सवाल जवाब किए हैं। विशेष रूप से, उन्हें जांचने का प्रयास किया जा रहा है कि वहने सेना से जुड़ी क्या-क्या सूचनाएं आईएसआई हैंडलर के साथ साझा की थी। शैलेश के संपर्क में रहे कुछ अन्य संदिग्ध युवकों की भी जांच हो रही है। एटीएस ने व्हॉट्सऐप और फेसबुक के माध्यम से आईएसआई की महिला हैंडलर हरलीन कौर और प्रीति के साथ शैलेश को सेना से जुड़ी सूचनाएं साझा करने के मामले में गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने शैलेश को सात दिनों की पुलिस हिरासत में रखने की मंजूरी दी है।
इसके अलावा, शैलेश कुमार ने खुद को सेना का जवान बताया था, और इसके संबंध में मिलेट्री इंटेलिजेंस ने उससे विस्तारित सवाल-जवाब किया है। शैलेश का भाई आकाश सेना में है। सोशल मीडिया का उपयोग करके आईएसआई ने हनी ट्रैप का जाल बिछाकर युवकों को अपने चक्कर में फंसाने का प्रयास किया है। एटीएस भी सोशल मीडिया को लगातार निगरानी करती है और संदिग्ध नंबरों की छानबीन की जाती है। एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल का कहना है कि शैलेश को पुलिस हिरासत में रखकर कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।