पंजाब में किसानों ने तीन दिनों तक रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है, जिसे कई किसान संगठनों ने समर्थन दिया है। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य पंजाब और केंद्र सरकार से बाढ़ के दौरान हुई फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा मांगना है।
कई किसान संगठनों ने इस मांग के समर्थन में आक्रमण किया है, जो वित्तीय पैकेज, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को शामिल करता है। इस आंदोलन का पंजाब के मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा, और अमृतसर समेत 12 स्थानों पर ‘रेल रोको’ आंदोलन का आयोजन किया जाएगा।
किसानों के इस आंदोलन के समर्थन में कई महत्वपूर्ण किसान संगठन शामिल हैं, जैसे कि किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), भारतीय किसान यूनियन (एकता आजाद), आजाद किसान समिति दोआबा, भारतीय किसान यूनियन (बेहरामके), भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह), और अन्य।
इसके अलावा, अन्य किसान संगठन जैसे कि भारतीय किसान यूनियन (छोटू राम), किसान महापंचायत (हरियाणा), पगड़ी संभाल जट्टा (हरियाणा), प्रगतिशील किसान मोर्चा (उत्तर प्रदेश), भूमि बचाओ मुहिम (उत्तराखंड), और राष्ट्रीय किसान संगठन (हिमाचल प्रदेश) ने भी पंजाब के किसान संगठनों के समर्थन की घोषणा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता बलकार सिंह दुधाला ने मांग की है कि पंजाब और केंद्र सरकार बाढ़ के दौरान हुई फसलों के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 1.68 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान करें। उन्होंने इसके अलावा बाढ़ के दौरान हुई मिट्टी की समतलीकरण के लिए भी मुआवजा की मांग की है, और जानवरों के मरने पर 1 लाख रुपए का मुआवजा चाहा है। जुलाई और अगस्त में आई बाढ़ से फसलों और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।