पंजाब पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मास्टरमाइंड आरोपी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि आरोपी ने करीब 100 लोगों से इमीग्रेशन के नाम पर लोगों से करीब 35 करोड़ रुपये ठगे हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रैकेट का सरगना अमृतसर का सरबजीत सिंह संधू है, जो एक कथित इमीग्रेशन एजेंट है. वह खुद को हरियाणा का मुख्य सचिव बताता था. किसी को शक न हो इसलिए वह लाल बत्ती लगी एसयूवी में निजी सुरक्षा गार्डों के साथ घूमता था. पुलिस ने उसके दो साथी बिलासपुर के राहुल और रवि को हाल ही में गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने आरोपी से पंजाब के पुलिसकर्मियों और हरियाणा के मुख्य सचिव के फर्जी आईडी कार्ड, कनाडा और अमेरिका के पीआर पेपर, हरियाणा का फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी वीजा वाले 60 पासपोर्ट और करीब 50 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. इसके अलावा उसके बैंक खातों में 20 लाख रुपये ट्रैक किए गए हैं.
करीब 50 लाख रुपये नकद और 20 लाख रुपये बैंक खातों में हैं. आरोपियों ने ठगी के पैसों से 70 लाख रुपये की संपत्ति भी खरीदी है. पुलिस ने उसके पास से हाई-प्रोफाइल सरकारी अधिकारियों के कई फर्जी पहचान पत्र और चार वॉकी-टॉकी सेट बरामद किए है. उसके पास से एक लाइसेंसी .45 बोर पिस्तौल भी बरामद हुई, जो कि पटियाला के फर्जी पते पर जारी की गई है.
आरोपी संधू लोगों को इमीग्रेशन के लिए वीजा दिलाने के बहाने ठगी करता था. वह उनके उनके पासपोर्ट पर फर्जी वीजा स्टीकर चिपकाता था और विदेशों की फर्जी मोहरें लगाता था. आरोपी की ठगी का राज तब खुला जब एक पीड़ित फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा तो अधिकारियों को धोखाधड़ी का पता चला और मामले की शिकायत पुलिस को दी गई.
खुद को हरियाणा का मुख्य सचिव बताने वाले संधू ने अपनी लग्जरी गाड़ी पर झंडा और उसके ऊपर नीली बत्ती लगा रखी थी. ग्राहक से मिलने जाते समय उसके साथ दो गाड़ियां होती थीं. उसने अपने लिए 8 से 10 निजी सुरक्षा गार्डों को नियुक्त किया था. वे पुलिस की वर्दी पहनते थे और हथियार रखते थे. उसके खिलाफ पंजाब में पहले से ही कई मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ सिटी खरड़ पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406, 417, 420, 46, 468, 471 और 474 और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मोहाली के एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि संधू ने पंजाब के कई शहरों में ट्रैवल एजेंटों के साथ संबंध स्थापित किए थे. वे उसे एक प्रभावशाली व्यक्ति मानते हुए लगभग 30-40 पासपोर्ट देते थे. आरोपियों ने राहुल से वीजा स्टिकर और फर्जी खाते जुटाए थे. संधू पीड़ितों से वसूले गए पैसे का 20 प्रतिशत उन्हें देता था.उसके पास से पंजाब पुलिस और हरियाणा के मुख्य सचिव के फर्जी आईडी कार्ड, कनाडा और अमेरिका के पीआर कागजात और हरियाणा का एक फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किए गए हैं. कम से कम 61 फर्जी खातों का पता लगाया गया है और फर्जी वीजा लगे 60 पासपोर्ट बरामद किए गए हैं.