केंद्र सरकार के महिला आरक्षण कानून के पास से आई बड़ी खबर के बाद, अब इसके साथ ही आने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की तैयारी शुरू हो चुकी है। गूगल पर यह समाचार तेजी से फैल रहा है क्योंकि इसमें महिलाओं के लिए सस्ते कर्ज की ब्याज दरों में कमी की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं के लिए लिए जाने वाले सभी प्रकार के कर्ज पर ब्याज दरों में मर्दों के मुकाबले कमी की जाएगी। इसमें शामिल योजनाओं का विवरण नवरात्र के दौरान हो सकता है।
केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए सस्ते कर्ज की योजना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, लेकिन किसी भी कर्ज पर छूट की विस्तारित जानकारी तक पहुंचा जा सकता है, वित्त मंत्रालय के एक सबसे अधिक अधिकारी ने इसका इंतजार करने को कहा। हालांकि, यह संभव है कि 30-40 लाख रुपए तक के होम लोन के लिए महिलाओं को ब्याज में छूट मिल सकती है। यदि कोई महिला होम लोन के सहायक आवेदक होती है, तो भी वह छूट का लाभ उठा सकती है। यह माना जा रहा है कि बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं भी सस्ते कर्ज की योजनाएं लाएंगी।
महिलाओं को कर्ज के ब्याज में छूट प्रदान करने के लिए कुछ दिशानिर्देश भी तैयार किए जाएंगे। सामान्य महिलाओं को तो यह छूट मिलेगी ही, लेकिन सिंगल चाइल्ड मदर, ओनली गर्ल चाइल्ड मदर, या विधवा जैसे विशेष मामलों में छूट की अधिक संभावना है।
साथ ही, काम करने वाली महिलाओं को भी सस्ते दरों पर कर्ज देने का विचार किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि 1 से 5 साल के दौरान रोजगार से जुड़ी युवा महिलाओं को छूट का लाभ प्राप्त हो, जिससे वे संपत्ति बनाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि जैसे कि राज्यों में जमीन या मकान की रजिस्ट्री पर कम शुल्क के कारण महिलाओं के नाम पर अधिक संपत्ति दर्ज हो रही है, ठीक वैसे ही महिलाओं के नाम पर लोन बढ़ने से उनकी अचल संपत्ति भी बढ़ने की संभावना है।
इसके साथ ही, नारी शक्ति वंदन कानून, जिसके तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के बिल को मंजूरी मिल गई है, अब एक कानून के रूप में अपना प्रभाव दिखा रहा है। इसके साथ ही, नारी शक्ति वंदन कानून 20 सितंबर को लोकसभा और 21 को राज्यसभा से पारित हुआ था।