हरियाणा के एक फर्जी चीफ सेक्रेटरी, सरबजीत सिंह संधू, की असलियत का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस की जांच से पता चला है कि सरबजीत ने अपने ऑफिस में 70 लाख की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए फर्नीचर लगवाया था। इसके अलावा, उसने 61 बैंक खाते खोले थे, जिनके माध्यम से वह फर्जी वीजा के नाम पर लोगों से 35 करोड़ रुपए का ठगी कांड किया है। सर्बजीत संधू को मोहाली पुलिस ने शुक्रवार को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
सरबजीत संधू पंजाब के अमृतसर के गांव अचिंत कोट के निवासी हैं, लेकिन उन्होंने पटियाला के राजपुरा में फर्जी पता दिया था जो आर्म्स लाइसेंस बनवाने के लिए उपयोग हुआ था। सरबजीत की आयु 28 साल है और उन्होंने बीए के साथ व्यवसाय प्रबंधन की पढ़ाई की है। उनके खिलाफ अमृतसर, संगरूर और गुरदासपुर में 5 धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। उन्होंने मोहाली में 2 जगह अपने ऑफिस खोले थे – एक मोहाली के सेक्टर 82 में और दूसरा डेराबस्सी में। हालांकि पुलिस ने अब दोनों ऑफिसों को सील कर दिया है।
सरबजीत संधू का फर्जी नेटवर्क पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी फैला हुआ था। पंजाब में संधू अपने ऑफिस के माध्यम से आपक्तिव थे, और हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में उन्होंने 35 साल के राहुल को रखा था, जो सरबजीत के लिए फर्जी वीजा और दिल्ली, कर्नाटक और अन्य राज्यों में फर्जी बैंक खातों का इंजाम करता था। राहुल के पास एमबीए फाइनेंस की डिग्री थी। हरियाणा में उनके साथी रवि मिश्रा रहते थे, जो गुरुग्राम के निवासी थे और सरबजीत के लिए फर्जी बैंक खातों की स्थापना में मदद करते थे।
मोहाली पुलिस की जांच के अनुसार, सरबजीत संधू ने ठगी की राशि का 70% अपने पास रख लिया था, जबकि बाकी 30% रवि और राहुल के बीच बाँट दी जाती थी। इसके अलावा, जब लोग पैसे मांगने के लिए आते थे, तो सरबजीत संधू अपने भरपूर सुरक्षा और दबंगाई से उन्हें धमकाकर भगा देते थे।
मोहाली पुलिस के अनुसार, सरबजीत संधू ने अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनी “US में संधू ट्रांसपोर्ट” के नाम से दर्ज की है, और वह आसानी से अमेरिका और कनाडा के वीजा व्यवस्थित कर सकता है। इसके लिए वह लोगों को बताता था कि वे उसकी कंपनी के कर्मचारी हैं। इस तरह कई ट्रैवल एजेंट भी सरबजीत के झांसों में फंस गए थे। वह लोगों को फर्जी PR सर्टिफिकेट देते थे। सरबजीत संधू ने देशभर में करोड़ों की दोस्ती को संपत्ति बना दिया था। 22 सितंबर को, उसके खिलाफ खरड़ थाने में एक फ्रॉड केस दर्ज किया गया था, और उसे उसी केस में गिरफ्तार किया गया है।