आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी मोहम्मद रिजवान अशरफ ने सआदतगंज के मोअज्जम नगर में एक डॉक्टर के मकान में किराए पर रहने का दावा किया था। उन्होंने खुद को एक आयुर्वेद कंपनी के कर्मचारी के रूप में पेश किया था। मकान को वे करीब एक महीने पहले ही किराए पर लिया था, लेकिन रहने के लिए वे आठ दिन पहले ही पहुंचे थे। उनकी गतिविधियों में भी कुछ संदिग्धियां थीं। इसके बारे में पड़ोसियों ने खुलासा किया है।
रिजवान की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने मंगलवार को मकान के मालिक, डॉक्टर जियाउल हसन, से कई घंटे की पूछताछ की और जानकारी ली। अन्य जांच एजेंसी भी अपने स्तर पर तफ्तीश कर रही हैं। यह दरअसल बड़ी लापरवाही का परिणाम है क्योंकि मकान मालिक ने उसकी पुलिस सत्यापन नहीं कराया था।
डॉक्टर जियाउल हसन ने बताया कि वे करीब एक महीने पहले मकान की पहली मंजिल को किराए पर लिया था। रिजवान ने उन्हें बताया कि वे एक आयुर्वेद कंपनी में काम कर रहे हैं और कंपनी ने उन्हें लखनऊ ट्रांसफर कर दिया है। इसलिए, वे यहां रहने आए हैं। उनके साथ उनकी पत्नी और तीन बच्चे भी थे।
डॉक्टर जियाउल हसन आईआईएम रोड पर घैला में रहते हैं और मोअज्जम नगर में उनके पास किराए पर लेने का पूरा हक है। एक पोर्शन खाली था, जिसका विज्ञापन उन्होंने ओएलएक्स पर दिया था। जियाउल का दावा है कि एक महीने पहले ही रिजवान ने उनसे संपर्क किया था और उन्होंने उसके साथ 7800 रुपये प्रति महीने के किराए का समझौता किया था। एक महीने का किराया ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया था, जबकि दो महीने का एडवांस किराया नकद दिया गया था।
रिजवान के मोहल्ले में किसी को उनके बारे में जानकारी नहीं थी। पहली मंजिल पर रहने वाले एक और किराएदार ने बताया कि जब से रिजवान आये हैं, तब से वे घर के भीतर ही रहते हैं। वे कुछ समय के लिए बाहर निकलते हैं, लेकिन खाना अधिकतर ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं और न किसी से कोई बातचीत करते हैं, न किसी से कोई मिलाप। लोगों को उनके संदिग्ध आतंकी होने की जानकारी मिलने पर वे हैरान हो गए।