अयोध्या।रामलला के प्रति आदर-अनुराग की व्यापकता-विविधता मंगलवार को भी पूरी मोहकता से प्रवाहित हुई, जब रामलला के दरबार में पूरी अरुणाचल सरकार श्रद्धावनत होने पहुंची। मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उनकी कैबिनेट के सदस्यों, विधायकों एवं अधिकारियों सहित अरुणाचल के 70 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की आस्था महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही छलकी।
उन्होंने न केवल एयरपोर्ट पर चार्टर्ड विमान से उतरते ही जयकारा लगाया, बल्कि कुछ ने मोक्षदायिनी नगरी की रज भी शिरोधार्य की। आस्था से अभिभूत अतिथियों का स्वागत भी अभिभूत करने वाला सिद्ध हुआ। स्वागत में तिलक, पुष्पहार धारण कराने के साथ उन पर पुष्पवर्षा भी की गई, तो अवध के प्रतिनिधि नृत्य फरवाही की प्रस्तुति से भी उन्हें रिझाया गया।
कुछ ही देर बाद विभोरजन्य आत्मीयता का चरम रामलला के सम्मुख परिभाषित हुआ। मौन और ¨कचित नम आंखों के साथ रामलला को आत्मस्थ करने के बाद अतिथियों की शारीरिक भाव-भाषा में दिव्यता का पुट समाहित हुआ। ..तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ एवं डा. अनिल मिश्र ने अपनी आत्मीयतापूर्ण अगवानी से उन्हें भाव विभोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
‘मंदिर निर्माण से आ गया राम राज्य’
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि मैं दो साल पहले भी अयोध्या आया था, जब राम मंदिर का निर्माण चल रहा था। बहुत उत्साहित हूं कि राम मंदिर बन गया है और मैं दर्शन करने आया हूं। उन्होंने बताया कि अयोध्या में अरुणाचल भवन निर्माण कराए जाने को लेकर हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पांच सौ वर्षों बाद राम मंदिर बन कर तैयार हो गया है, यह देश के लिए बड़े गर्व की बात है। अब राम राज्य भी आ गया है। देश विकास की नई गाथा लिखेगा।
पेमा खांडू ने अयोध्या में अरुणाचल प्रदेश का प्रतीक चिह्न बनाने की भी बात कही। यद्यपि वह यह नहीं स्पष्ट कर सके कि यह चिह्न किस रूप में होगा।
दिल्ली, हिमाचल, बिहार व झारखंड से पहुंचे श्रद्धालु
अलग-अलग भाषा, प्रांत और यहां तक कि कुछ का पहनावा भी..लक्ष्य सिर्फ एक। अपने रामलला को जी भर देखना..। ऐसे मनोभावों से ओत-प्रोत हो मंगलवार को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार व झारखंड से रामभक्त अयोध्या पहुंचे। भोर में तीन बजे के करीब हिमाचल प्रदेश से भक्तों के ट्रेन से उतरते ही जय श्रीराम की अनुगूंज से कैंट रेलवे स्टेशन गूंज उठा।
हिमाचल से आईं सुमन कहती हैं, यहां आकर सब भूल गए। उनके नेत्र भी थोड़े सजल थे। कहती हैं, जन्मों का पुण्य फल रामलला के दर्शन के रूप में प्राप्त हुआ है। उपासकों की मातृभाषाएं अलग-अलग हैं, लेकिन राम प्रत्येक भाषा में सिर्फ राम ही हैं और ‘रामनाम’ प्रत्येक भाषा के सेतु समान है।
श्रद्धालुओं के राम के प्रति अनुराग को इसी से समझा जा सकता है कि पुष्प वर्षा के समय महिलाएं आंचल में प्रत्येक प्रसून को ऐसे सहेजती हैं, मानो मंजरी नहीं, प्रसाद है।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन एआरएम तैनात
रामनगरी अयोध्या में लगातार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उन्हें आवागमन में असुविधा न हो इसके लिए तीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों (एआरएम) को नियुक्त किया जा रहा है। तीनों अधिकारी एक सप्ताह तक अयोध्या में रहकर श्रद्धालुओं की देखरेख करेंगे। क्षेत्रीय प्रबंधक अयोध्या ने परिवहन निगम मुख्यालय को सूचित किया था कि रामनगरी में तीन फरवरी से आस्था स्पेशल ट्रेनें बड़ी संख्या में पहुंचना शुरू हो रही हैं, इसके अलावा अन्य साधनों से भी श्रद्धालु लगातार अयोध्या आ रहे हैं।