विशेष न्यायाधीश पॉक्सो और अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट्रेक हल्द्वानी नंदन सिंह की अदालत ने एक 14 वर्षीय किशोर के खिलाफ दरियादिली से ऐतिहासिक निर्णय दिया है। उन्होंने इस दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कठिन कारावास और 40,000 रुपये का दंड लगाया है।
मामले का इतिहास बताते हुए, राज्य के वकील नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि यह घटना हल्द्वानी मुखानी थाना क्षेत्र में घटी थी, जहां 27 सितंबर 2020 को एक कक्षा 7 में पढ़ने वाली 14 साल की बालिका लापता हो जाती है।
परिवार ने बच्ची की गायब होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई, लेकिन थाने ने मामले को ध्यान में नहीं रखा। इसके बाद, एसएसपी नैनीताल द्वारा दर्ज किये जाने पर 8 अक्टूबर 2020 को हल्द्वानी कोतवाली में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
जाँच में पता चला कि बच्ची का अंकुर शर्मा नामक युवक बरेली के इज्जत नगर से था, और वह उससे मोबाइल रिचार्ज करने के दौरान संपर्क में आया था। दोनों के बीच अक्सर फोन पर बातचीत होती थी।
पुलिस ने पूरे मामले में आरोपी अंकुर शर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और उन्हें किराए के कमरे में बंधक बनाकर बरामद किया।
जांच के दौरान पूरे मामले में फॉरेंसिक सैंपल, साक्ष्य, और डीएनए जांच करने के बाद पता चला कि बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।
कोर्ट में, आठ गवाहों की प्रस्तुति के बाद, आरोपी अंकुर शर्मा को 20 साल की कठिन कारावास और 40,000 रुपये का दंड सुनाया गया