डॉक्टरों ने तमाम मुश्किलों पर पाई जीत
श्रीनगर। श्रीकोट के बेस चिकित्सालय में विगत नौ मार्च को चमोली जिले की एक महिला ने तीन शिशुओं को एक साथ जन्म दिया। जन्म के बाद शिशुओं के वजन से साथ ही अन्य तरह की परेशानियां थी। लेकिन बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 10 दिन के परिश्रम के बाद महिला और उसके नवजात शिशुओं को नया जीवनदान दिया। दो बेटे एवं एक बेटी को जन्म देने वाली माता एवं उसके पति एवं उसके परिजनों ने शिशुओं को बेहतर इलाज देकर उनको नया जीवन देने पर बेस अस्पताल के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया।
बता दें कि भैटी गांव नंदानगर घाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय नेहा पत्नी कमल सिंह ने विगत नौ मार्च को बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग में भर्ती होने के बाद तीन बच्चों को जन्म दिया। गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया था। तीन शिशु होने पर डॉ. बोरा ने पहले ही परिजनों को अस्पताल के नजदीक रहने की सलाह दी। इस पर नेहा के पति कमल सिंह ने श्रीकोट में ही छह माह पहले कमरा ले लिया था। प्रसव पीड़ा होने पर परिजन नेहा को बेस चिकित्सालय लाए। बेस चिकित्सालय में भर्ती नेहा ने तीन शिशुओं को जन्म दिया। जन्म के समय तीनों शिशु काफी कमजोर थे। ऐसे में बाल रोग विभाग के डाक्टरों ने बच्चों का उपचार और देखभाल की। डॉ. अंकिता गिरि ने बताया कि शिशु समय से पहले जन्मे थे। इसलिए वो काफी कमजोर थे। जिसके बाद नीक्कू वार्ड में भर्ती कर शिशुओं को पूरा ट्रीटमेंट दिया गया। शिशु मां का दूध पी रहे हैं। सभी जांच सामान्य होने तथा शिशुओं के स्वस्थ्य होने के बाद जच्चा-बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।