मैनपुरी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अपमान करने वाले सपाइयों पर FIR दर्ज; सीएम योगी ने की निंदा, सोशल मीडिया पर भी आक्रोश

मैनपुरी। शनिवार शाम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर गाली गलौज की गई थी। रोड शो समाप्त होने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने करहल चौराहे पर हंगामा कर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को अपमानित किया था। इन मामलों को लेकर कोतवाली में दो प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। पुलिस ने सौ अज्ञात सपाइयों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

शनिवार रात सपा कार्यकर्ताओं द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अपमान किए जाने की विरोध में भाजपाइयों और समाज के लोगों के धरने के कारण करहल चौराहा पर आधा घंटे तक जाम लगा रहा। उनकी मांग थी कि महाराणा प्रताप का अपमान करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचे।

एडीएम रामजी मिश्र और एएसपी राहुल मिठास ने लोगों को समझाकर और कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। इसी दौरान भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

मौके पर पहुंचे भाजपाइयों ने जताया रोष

मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को कार्रवाई का आश्वासन दिया और उनका आक्रोश शांत कराया। घटना को लेकर एक प्राथमिकी कोतवाली के उपनिरीक्षक हरिभान सिंह गौतम ने सौ अज्ञात समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कराई है।

जिसमें कहा गया है कि हाथ में समाजवादी पार्टी का झंडा लेकर और लाल टोपी लगाकर पैदल व बाइकों से आए सपा कार्यकर्ताओं ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर चढ़कर अभद्र शब्दों का प्रयोग किया। वरिष्ठ नेताओं को लेकर भी अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गया। जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसके साथ ही बिना अनुमति गुब्बारे और झंडों की लड़ी चौराहे पर बांध दी गई।

आचार संहिता का उल्लंघन

सपा कार्यकर्ता नारेबाजी कर हूटिंग करते रहे। जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। सपा कार्यकर्ताओं की इस हरकत से चौराहे पर भगदड़ मच गई। हालात बिगड़ते देख मौके पर अतिरिक्त फोर्स मंगवाना पड़ा। प्राथमिकी में उपद्रवियों की बाइकों के नंबर अंकित किए गए हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि मौके पर मौजूद जनता द्वारा घटना के वीडियो बनाए गए। जिसके जरिए आरोपितों की पहचान की जा सकती है।

पीएम मोदी और सीएम योगी पर अभद्र टिप्पणी

दूसरा मामला भाजपा कार्यकर्ता अक्षय राठौर ने दर्ज कराया है। जिसमें कहा गया है कि अखिलेश यादव का रोड शो शाम करीब सात बजे सतीश नर्सिंग के पास जा रहा था तभी रोड शो में शामिल समाजवादी कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर गाली गलौज की गई है। अक्षय राठौर ने गाली गलौज का वीडियो भी पुलिस को दिया है। दोनों मामले दर्ज करने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

सोशल मीडिया पर भी दिख रहा आक्रोश

मैनपुरी ही नहीं, इस घटना का आक्रोश पूरे प्रदेश और सोशल मीडिया पर भी दिख रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना के लिए अखिलेश यादव पर निशाना साध रहे हैं और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी की मांग कर रहे हैं। वहीं, सीएम योगी की महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते और सैफई ब्रांड सपाई गुंडों द्वारा प्रतिमा के अपमान का वीडियो भी खूब साझा किया जा रहा है।

एक यूजर ने लिखा कि सैफई ब्रांड समाजवादी पार्टी के लफंगे सपाइयों ने हिंदुआ सूर्य, राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा पर चढ़कर उनका अपमान किया। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी जी ने मैनपुरी में रोड शो की समाप्ति के बाद राष्ट्रनायक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। फर्क साफ है।

इसी तरह, डॉ रिचा सिंह ने लिखा, मैनपुरी में अखिलेश के रोड शो के बाद महाराणा प्रताप जी की मूर्ति से छेड़छाड़ की गई, उनकी तलवार तोड़ने का प्रयास, उनके भाले पर सपा का झंडा लहराकर योगी-मोदी को गालियां दी गईं। आ रहे हैं अखिलेश नारा नहीं, धमकी बन गया है। अरुण राणा ने लिखा, मैनपुरी में सपा समर्थकों द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का निरादर करना अत्यंत निंदनीय है। सभी आरोपियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

राष्ट्रनायकों का अपमान ही विपक्ष की नीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर दुख जताया है और विश्वास दिलाया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि माफिया, दंगाइयों और आतंकी तत्वों को ये लोग प्रश्रय देते हैं, प्रोत्साहित करते हैं, महिमामंडन करते हैं और दूसरी ओर राष्ट्रनायकों का अपमान करते हैं।

उन्होने कहा कि यही प्रदेश है जब समाजवादी पार्टी ने 2012 में सत्ता में आने पर अयोध्या में रामजन्मभूमि, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ की कचहरियों के साथ ही रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का कुत्सित प्रयास किया था। हाल ही में एक कुख्यात माफिया की मौत होती है तो उसके घर पर संवेदना व्यक्त करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद जाते हैं।

अयोध्या में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान रामभक्तों के साथ इनका बर्ताव कैसा था, प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की मृत्यु पर समाजवादी पार्टी का आचरण कैसा था और शनिवार को राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ जिस प्रकार का अपमानजनक और अवमाननापूर्ण व्यवहार समाजवादी पार्टी के नेताओं का था वो अत्यंत निंदनीय है। मैं इस कृत्य की भर्त्सना करता हूं। यह व्यवहार केवल समाजवादी पार्टी का ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी का भी रहा था, जब वहां एक समर्थक ने उन्हें छत्रपति शाहू जी महाराज की मूर्ति देने का प्रयास किया तो उन्होंने लेने से इंकार कर दिया।

स्पष्ट है कि ये राष्ट्रनायकों का सम्मान नहीं, बल्कि आतंकियों का महिमामंडन करेंगे, पाकिस्तान का महिमांडन करेंगे, माफिया और आपराधिक पृवृत्ति के लोगों का महिमांडन करेंगे, जो बेटी और व्यापारी की सुरक्षा के लिए समस्या बने हुए हैं। देश की जनता देख रही है और जनता जनार्दन चुनाव में इनको सही जवाब देगी।

सीएम योगी ने साफ कहा कि जब कोई नेता बेशर्मी का चोला ओढ़ लेता है और स्वार्थ की राजनीति करता है, उसका स्वार्थ उसके परिवार तक सीमित होता है तो इस प्रकार के दृश्य सामने आते हैं। मैनपुरी की घटना हो या महाराष्ट्र की घटना, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस तीनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। इनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती।

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