बुद्ध पूर्णिमा स्थान के लिए पुलिस प्रशासन ने किए सुरक्षा के कड़े प्रबंध
स्नान का, दान और तर्पण का विशेष महत्व
श्रद्धालुओं के लिए की गई थी व्यवस्था
हरिद्वार। बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरुवार को विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार की हर की पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ पहुंची हुई है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद दान और पुण्य का एक अलग ही महत्व है। कहा जाता है इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इसी कारण बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर स्नान करने का विशेष महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा के स्नान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए हैं।
बुद्ध पूर्णिमा यानि भगवान विष्णु का धरती पर भगवान बुद्ध रूप में अवतरण का दिन। बुद्ध पूर्णिमा का स्नान तीर्थ नगरी हरिद्वार में कड़ी सुरक्षा के बीच चल रहा है। इस अवसर पर स्नान करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आये हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए आज सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर की पैड़ी पहुंच गए थे। यह सिलसिला जारी है।
मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया था। भगवान को ज्ञान प्राप्त हुआ और आज ही के दिन भगवान बुद्ध की धरती से विदाई हुई। आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास रखने का महत्व बताया था। भगवान ने नृसिंह अवतार लिया था। मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और गंगा की पूजा अर्चना करने से असीम पुण्य का लाभ मिलता है। बुद्ध पूर्णिमा गंगा स्नान को लेकर हरिद्वार पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि संपूर्ण वैशाख मास ही भगवान श्री नारायण की सेवा के लिए अर्पित है। इसका जो समापन दिवस है वो बुद्ध पूर्णिमा या पूर्णमासी वैशाखी कहलाता है। यह इतना पावन होता है कि इस माह भगवान श्रीनारायण के अधिसंख्य अवतार हुए हैं। आज के इस अवतार में ही चतुर्दशी और पूर्णमासी के संयोग में भगवान के अवतार हुए। वहीं पूर्णमासी में बुद्धावतार हुआ है। इस बुद्धावतार के दिन जो बुद्ध पूर्णिमा कहलाती है, स्नान का, दान और तर्पण का विशेष तौर पर महत्व बताया गया है।
सुरक्षा को लेकर मेला क्षेत्र को 7 जोन व 19 सेक्टर में बांटा गया
हरिद्वार। आज के दिन गंगा आदि पवित्र नदियों में विशेष तौर पर हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में स्नान का पुण्य फल है। आज स्नान करने के बाद तर्पण करें। अपने पुरोहित और ब्राह्मणों को मौसमी फल आदि का दान करना चाहिए। स्वर्ण, भोजन और शैय्या दान करना विशेष तौर पर पुण्यदायी बताया गया है। जो लोग श्रीमद्भागवत कथा न करवा पाएं, मात्र स्नान करके आज श्रीमद्भागवत की पुस्तक का दान करना ही पूरे वैशाख मास में श्रीमद्भागवत का परायण करने के समान पुण्य देने वाला है। स्नान का विशेष महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार आने वाली श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए हैं। मेला क्षेत्र को 7 जोन और 19 सेक्टर में बांट कर पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही ट्रैफिक को लेकर भी खास व्यवस्था की गई है। डाइवर्जन प्लान लागू किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।