उत्तराखण्ड में बारिश को कहर जारी

कुमाऊं मंडल में बारिश ने मचाई भारी तबाही
देहरादून। प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा ने कहर मचाया हुआ है। बारिश के कारण नदी नाले उफान पर है जिसके कारण सड़कें बंद पड़ी है। कई जगह भूस्खलन हो रहा है तो कई पहाड़ों से लगातार पत्थर बरस रहे हैं। बारिश ने कुमाऊं में जमकर कहर बरपाया है। ‌इससे आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। दोनों जिलों में मुख्य मार्ग समेत 23 सड़कें बंद हैं। कई क्षेत्रों में बिजली लाइनों में पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति भ ठप हो गई। कई मकानों में दरारें आ गई हैं। कई क्षेत्रों में भूकटाव और भू धंसाव होने की भी सूचना है।
पिथौरागढ़ जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। अधिकांश जगहों पर दो दिन से बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में थल में सर्वाधिक 180 और बेड़ीनाग में 130 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश की वजह से सड़कों पर भारी मलबा आ गया है तो कई इलाकों में मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। वहीं बेड़ीनाग में जीआईसी की एक वर्ष पूर्व बनी 50 मीटर चहारदीवारी को खतरा हो गया है।
इसके अलावा ढनोली-सानीखेत मोटर मार्ग में 20 मीटर सड़क ध्वस्त हो गई है। वहीं, उडियारी बैंड- चौकोड़ी मोटर मार्ग पर मलबा आ गया जिस कारण से यहां पर 3 घंटे यातायात बाधित रहा। दो जिलों में बारिश की वजह से कई ग्रामीण सड़कें भी बंद हैं जिन्हे ंखोलने का प्रयास यिका जा रहा है।
आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार खुमती-कटौजिया, मदकोट-बोना, मालाकोट-लोद, आलम-दारमा, बंगापानी-जाराजिबली, बांसबगड़-सेलमानी, देकुना-बसंतनगर, नाचनी-बांसबगड़, धापा-मुनस्यारी, गलाती-रमतोली सड़कें बंद हैं। इनके अलावा सेलमानी-बिचना, आदिचौरा-सीनी, मुनस्यारी-हरकोट-मदकोट, डीडीहाट-दूनाकोट, गुंतड़ी-पातालभुवनेश्वर, कोटमन्या-पांखू, ढिढाली-गंगोलीहाट सड़कें भी मलबा आने से बंद है।

नदी नालों से दूर रहने की चेतावनी
नैनीताल। पिछले 24 घंटे से अधिक समय से कुमाऊं और उसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश हो रही है। बारिश के चलते कई जगहों पर आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग द्वारा जिले में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मूसलाधार बारिश होने के कारण नदी नाले उफान में हैं. तटीय व नालों से सटे क्षेत्रों में जलभराव हो चुका है।
बारिश से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से रोकथाम हेतु नैनीताल पुलिस की सभी टीमों द्वारा जिले में जगह जगह लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को चेतावनी जारी की जा रही है। पुलिस लाउडस्पीकर के माध्यम से नदी और नाले के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित रहने और अधिक पानी आने की स्थिति में वहां से हट जाने के लिए निर्देश जारी कर रही है। नैनीताल पुलिस ने बारिश के दौरान सभी यात्रियों और स्थानीय जनता से अपील है कि नदी और जलभराव वाले क्षेत्रों में न जायें। अनावश्यक अपने घरों से ना निकलें और अपने आप को सुरक्षित रखें।

ग्रामीण क्षेत्र की 20 सड़कें बंद
पिथौरागढ़। भारी बारिश के चलते मलबा आने से ग्रामीण क्षेत्र की 21 सड़कें बंद हो गईं हैं। बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी और श्रमिक लगाए गए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार खुमती-कटौजिया, मदकोट-बोना, मालाकोट-लोद, आलम-दारमा, बंगापानी-जाराजिबली, बांसबगड़-सेलमानी, देकुना-बसंतनगर, नाचनी-बांसबगड़, धापा-मुनस्यारी, गलाती-रमतोली सड़कें बंद हैं। इनके अलावा सेलमानी-बिचना, आदिचौरा-सीनी, मुनस्यारी-हरकोट-मदकोट, डीडीहाट-दूनाकोट, गुंतड़ी-पातालभुवनेश्वर, कोटमन्या-पांखू, ढिढाली-गंगोलीहाट सड़कें भी मलबा आने से बंद हो गई हैं।थल में बारिश से रामगंगा का जलस्तर बढ़ गया है। रामगंगा के उफान को देखते हुए थाना पुलिस ने लोगों को नदी किनारे नहीं जाने की सूचना लाउड स्पीकर से भी दी है।

हल्द्वानी में बारिश का कहर, मां और बच्चों पर गिरी झोपड़ी
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में हुई बारिश के बीच हल्द्वानी में बारिश ने कई परिवारों को नुकसान पहुंचाया है। मंगलवार रात और बुधवार को हुई बारिश के चलते घर में मलबा घुसने से खाने-पीने के साथ-साथ अन्य सामान को भी नुकसान पहुंचा है। इसी क्रम में चौफुला में झोपड़ी गिरने से महिला और उसके चार बच्चे उसके नीचे एक घंटे तक दबे रहे। गुहार पर भी मदद नहीं मिलने पर महिला ने बच्चों को झोपड़ी के मलबे से बाहर निकाला और गीले कंबल में बैठकर रात बिताई। हालांकि सुबह सामाजिक कार्यकर्ता ने पीड़ित परिवार को वृद्धाश्रम पहुंचाया। वार्ड 34 चौफुला चौराहा काली मंदिर निवासी रजनी ने बताया कि वह सभी तख्त पर सोए थे। तभी रात करीब एक बजे झोपड़ी की कच्ची छत गिर गई। बल्ली और अन्य सामान गिरने से दो बेटियां और एक बेटा दब गये, जबकि एक बेटा तख्त के नीचे घुस गया। मदद के लिए आसपास मौजूद घरों के बाहर जाकर शोर करती रही, लेकिन भारी बारिश में कोई आगे नहीं आया। किसी तरह बच्चों को खुद ही बाहर निकाला। वहीं, बताया जा रहा कि महिला के पति की चार साल पहले मौत हो चुकी है। महिला अपने परिवार के पालन पोषण के लिए दूसरों के घरों में काम करती है। महिला ने लोगों से अपनी झोपड़ी बनाने में मदद की गुहार लगाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *