पंचतत्व में विलीन हुईं केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत

अगस्त्यमुनि के त्रिवेणी घाट पर बेटी एश्वर्या और भतीजे ने दी मुखाग्नि
राज्यसभा सांसद, मंत्री, विधायक व कई  नेता अंतिम यात्रा में हुए शामिल
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा सीट की दिवंगत विधायक शैलारानी रावत का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। दिवंगत केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत की शव यात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अगस्त्यमुनि से निकली शव यात्रा को देखने के लिए मकानों की छतों में लोग खड़े रहे और लोगों ने शव यात्रा को हाथ जोड़कर नमन किया। इस दौरान वाहनों का लंबा काफिला रहा। शव यात्रा में विभिन्न संगठन के लोगों ने भाग लिया।
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का निधन मंगलवार रात्रि को 10ः30 बजे हुआ था। जिसके बाद से संपूर्ण प्रदेश में शोक की लहर छा गई। बुधवार को शव यात्रा देहरादून से अगस्त्यमुनि पहुंची। आज गुरुवार सुबह दिवंगत विधायक के शव को अगस्त्यमुनि खेल मैदान के एक पांडाल में रखा गया। यहां पहुंचे हजारों लोगों ने दिवंगत विधायक को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
अगस्त्यमुनि खेल मैदान से शव यात्रा करीब साढ़े दस बजे रवाना हुई। शव यात्रा में राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, युवा कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, वरिष्ठ नेता कुलदीप रावत सहित अन्य शामिल हुए। शव का दाह संस्कार त्रिवेणी घाट में किया गया। शैलारानी की बेटी ऐश्वर्या रावत एवं भतीजे शैलेन्द्र रावत ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि दिवंगत विधायक शैला रानी के निधन से भाजपा संगठन से लेकर प्रदेश को बहुत बड़ी क्षति हुई है। विधायक ने सदैव जनता के हित में कार्य किए, जिन्हें कभी भी केदारघाटी की जनता भूल नहीं पाएगी।

शैलारानी का राजनीतिक करियर
देहरादून। केदारनाथ विधायक शैलारानी का राजनीतिक करियर मिलाजुला रहा। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों की ओर से राजनीति की। उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ था। 2012 में शैलारानी कांग्रेस के टिकट से जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। हरीश रावत की सरकार के दौरान मची भगदड़ में शैलारानी भी 9 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं। बीजेपी के टिकट से उन्होंने 2017 में केदारनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वो हार गई थीं। इसके बावजूद बीजेपी हाईकमान ने उन पर विश्वास बनाए रखा। 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर से केदारनाथ विधानसभा सीट से टिकट दिया। इस बार के चुनाव में शैलारानी रावत ने विजय हासिल की थी।

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