मंत्री मंडल की बैठक मे लिए गया 22 निर्णय
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों ने केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत के आकस्मिक निधन पर मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही 8 जुलाई को शहीद हुए पांचों जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने तमाम विभागों से संबंधित 22 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। वहीं, विधानसभा सत्र के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
धामी मंत्रिमंडल में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर-
औद्योगिक विकास विभाग के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के आधार पर मकान भत्ता देने को अनुमान किया गया।
5 लाख तक के किसान लोन पर स्टाम्प ड्यूटी माफ किया गया।
स्टाम्प संशोधन नियमावली में संशोधन किया गया।
बाह्य पोषित योजनाओं के लिए सचिव नियोजन की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। ऐसे में 5 करोड़ से ज्यादा के विचलन पर सचिव नियोजन की अध्यक्षता में कमेटी बनी परीक्षण करेगी।
प्रशासन के चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों को पुरानी सेवा का लाभ मिलेगा।
वन विभाग के तहत उत्तराखंड कास्ट आधारित पॉलिसी को मंजूरी।
वन विकास निगम की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी।
उत्तराखंड दूर संचार राजपत्रित नियमावली को मंजूरी।
लावारिश शवों पर अब मेडिकल कॉलेज के छात्र प्रेक्टिकल कर सकेंगे।
मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ और हरिद्वार के खाली 240-240 पदों पर सीधी भर्ती होगी।
मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट के तहत सभी राजकीय चिकित्सालयों के रेट किए गए संशोधित। मंत्रिमंडल ने जताई सहमति।
विद्या समीक्षा केंद्र के संचालन को लेकर 25 पद स्वीकृत किए गए।
एनसीसी की चंपावत में पहले दो स्वतंत्र कंपनी चल रही थी, जो निलंबित हो गई थी, जिसे फिर से संचालित करने का निर्णय लिया गया।
उरेडा के नए ढांचे में 29 पद बढ़ाए गए।
कार्मिक सतर्कता विभाग की नई नियमावली बनी।
जेष्ठा नियमावली में संशोधन किया गया।
नैनी सैनी एयरपोर्ट को राज्य सरकार खुद संचालित करेगी।
पंतनगर एयरपोर्ट के लिए 212।4 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को देने पर मंत्रिमंडल की मंजूरी
ग्राम्य विकास विभाग के अधीन हाउस ऑफ हिमालय के लिए वित्तीय नियम को मंजूरी।
चारधाम समेत प्रमुख मंदिरों के नाम पर अगर कोई ट्रस्ट बनाई जाती है तो उसे रेगुलेट करने में लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज, किसी भी विश्व विद्यालय में शुरू की जाएगी। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जाएगा।
प्रदेश में 5 लाख तक के टेंडर स्थानीय लोगों को दिए जाने का निर्णय लिया गया। स्थानीय ठेकेदारों को दी ट्रेनिंग जाएगी।