मंगलवार की शाम को जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तानी फायरिंग के परिणामस्वरूप भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवान घायल हो गए हैं। इस घायलता के बाद, बीएसएफ के जवानों ने आपातकालीन कार्रवाई की और पाकिस्तान की सीमा पर फायरिंग की।
घटना का सबसे पहला स्थल आरएस पुरा सेक्टर में हुआ, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास बिजली के खंभों के पास स्थित है। इस समय, बीएसएफ के जवान लाइट की मरम्मत काम में लगे थे, जब पाकिस्तान रेंजर्स के स्नाइपर्स ने अचानक फायरिंग की शुरुआत कर दी।
आधिकारिक सूचनाओं के अनुसार, घायल बीएसएफ कर्मियों को तुरंत गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया है, और उनकी स्थिति ‘स्थिर’ है।
इस घटना से पहले, भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी 2021 में सीमा पर सीजफायर समझौते के बाद कोई बड़ी सीमा घटना नहीं हुई थी। इसके बाद, भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की पोस्ट पर जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान की ओर से जवाबी फायरिंग हुई। यह घटना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विक्रम बीओपी क्षेत्र में घटित हुई, जो सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा बिजली की लाइट के खंभों के पास था। यह स्थान सीमा से लगभग 60 मीटर की दूरी पर स्थित था, और सीमा चौकी विक्रम से करीब 1500 मीटर की दूरी पर था।
घटना के समय, पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन उस वक्त किया, जब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम भारत में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के लिए खेलने के लिए यंहा पर है।
फरवरी 2021 में, भारत और पाकिस्तान ने सीमा पर संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि वे जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों के नियंत्रण रेखा (LoC) पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करेंगे।
जानकारों की रिपोर्टों के अनुसार, 2020 में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लगभग 5,000 युद्धविराम उल्लंघन या सीमा पार से गोलीबारी की घटनाएं घटित हुईं, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुईं और घरों में नुकसान पहुंचा। इस आंकड़े की व्यापकता और आपातकालीनता ने सीमा सुरक्षा क्षेत्र में चिंता का स्रोत बना दिया है।
इसके बाद, भारत और पाकिस्तान ने 2021 के फरवरी में युद्धविराम समझौते की घोषणा की, जिससे इस विवाद से मिलकर बचाव का प्रयास किया गया। इस समझौते के अंतर्गत, दोनों देशों ने घोषणा की कि वे जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा (LoC) पर समझौते का पूरा पालन करेंगे।
2003 में शुरू हुए युद्धविराम समझौते के तहत, भारत और पाकिस्तान ने शांति की दिशा में कदम बढ़ाया था। हालांकि, पाकिस्तान ने अक्सर इस समझौते का उल्लंघन किया है, और 2020 में 5,000 से अधिक ऐसे उल्लंघन दर्ज किए गए हैं, जो एक वर्ष में सबसे अधिक है। इसके परिणामस्वरूप, समझौते के पालन की तुलना में उल्लंघन की संख्या बढ़ गई है, और सीमा सुरक्षा क्षेत्र में स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।