दुबई, 2023 में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत एक महत्वपूर्ण घटना आयोजित की गई है, जिसमें उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुबई के विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है. इस आयोजन में विभिन्न उद्योग समूहों ने उत्तराखण्ड में करार शामिल होने के लिए 5450 करोड़ रुपये के निवेश की पुष्कर सिंह धामी के साथ साइन किए हैं।
इस समीक्षा के दौरान, पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किए गए निवेश के करार में पर्यटन, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 5450 करोड़ शामिल हैं। दुबई में अब तक, सर बायोटेक और हयात के साथ 2,000 करोड़, कार्मिला न्यूट्रीशन टेक्नोलॉजी के ग्रुप के साथ फार्मा प्रोडक्शन के लिए 950 करोड़, जीटीएसई ग्रुप के साथ 800 करोड़, फ्लो कॉग्लोमिरेट समूह के साथ रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर, और पर्यटन क्षेत्र में 500 करोड़ के निवेश हेतु साइन किए गए हैं, और एक्सले ग्रुप के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 700 करोड़ के निवेश और शरफ लॉजिस्टिक के साथ 500 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू साइन किए गए हैं। इस दौरान, कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत भी मौजूद हैं।
उद्योगपतियों के साथ बैठक के माध्यम से, सीएम धामी ने जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंध पहले से और अधिक मजबूत हो गए हैं। इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में एक वर्ष में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद भारतीय प्रवासी कामगारों की बढ़ती संख्या का भी उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने उत्तराखंड की सरकार से यह संदेश दिया कि वह नए शहरों की स्थापना करने और मौजूदे शहरों के विकास को सुनियोजित रूप से बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं और इसमें विशेषज्ञता का सहयोग कर सकते हैं। उत्तराखंड सरकार ने पिछले दो सालों से राज्य के अंदर निवेशकों के लिए सभी प्राथमिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए कठिन प्रयास किए हैं।
आगामी दिसंबर माह में, उत्तराखंड सरकार ‘उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (डेस्टिनेशन उत्तराखंड)’ का आयोजन करने जा रही है जिसका उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना है। सीएम धामी ने इस समिट के महत्व के बारे में बताया कि उत्तराखंड राज्य ने प्रगतिशील औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों के आदान-प्रदान के कारण भारत में अपनी एक विशेष पहचान बना ली है। यहाँ, राज्य की औद्योगिक विद्युत दरें भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम हैं। इसके साथ ही, राज्य में औद्योगिक सद्भाव और उत्कृष्ट कानूनी व्यवस्था है, जिससे यह और भी आकर्षक बनता है।