मलबा आने से नेशनल हाईवे पर आवाजाही बंद

चंपावत। जनपद में लगातार मूसलाधार बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में लोहाघाट और घाट के बीच गुरना संतोला (बाराकोट) के पास मलवा आया है। इसके चलते नेशनल हाईवे पर आवाजाही बंद है। फिलहाल सड़क खोलने के लिए प्रशासन और एनएच की टीम लगी हुई हैं। बारिश होने के चलते सड़क खोलने में परेशानी हो रही है। भारी बारिश के चलते चंपावत जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को  बंद रखने का निर्देश पूर्व में जारी किया चुका है। कुमाऊं मंडल के सभी जिलों में सुबह से बारिश जारी रही। बारिश के चलते कई जगहों पर आंतरिक और ग्रामीण मार्ग बंद होने की सूचना प्राप्त हुई है। मौसम विभाग ने  13 सितंबर तक बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है।

उत्तराखण्ड में मुश्किल भरे रहेंगे अगले 24 घंटे
कई जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून अब विदाई पर है। ऐसे में मानसून जाते-जाते खूब बरस रहा है। यही वजह है कि बीती 24 घंटे से प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। खासकर लोअर कुमाऊं क्षेत्र के कुछ इलाकों में तेज बारिश देखने को मिल रही है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे भारी रह सकते हैं। यानी इस दौरान भारी से भारी बारिश हो सकती है। जिसे लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी के तौर पर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक, 12 और 13 सितंबर भारी बारिश की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। आने वाले 24 घंटे में गढ़वाल और कुमाऊं के ज्यादातर जिलों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में लोगों को मौसम के मिजाज को देखते हुए सावधान रहना होगा।
रोहित थपलियाल ने बताया कि कुमाऊं रीजन में उधमसिंह नगर, चंपावत, बागेश्वर जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया है तो वही गढ़वाल रीजन के पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी में भी बहुत तेज बारिश होने की संभावना है। जिसे देखते हुए रेड अलर्ट  जारी किया गया है। वहीं, इसके अलावा चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल का कहना है कि मानसून अब अपने आखिरी फेज की ओर जा रहा है। जहां पूरे मानसून सीजन के दौरान हुई बरसात का औसत आखिरी फेज में देखने को मिल सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में ऐसा देखा गया है कि मानसून के आखिरी फेज में मौसम ने अपना कहर बरपाया है और नुकसान भी हुआ है। ऐसे में सभी को सतर्क रहने और विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की ओर से सभी सरकारी एजेंसियों को पूर्वानुमान की सूचना भेज दी गई है, जिसके बाद सभी विभाग अलर्ट पर है।

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