टीम इंडिया के असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि वे टेस्ट मैचों में अपनी जरूरत के हिसाब से पिच तैयार नहीं करवाते। 12 साल में पहली बार घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारत शुक्रवार से न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश करेगा। स्पिनरों की मददगार पिच पर खेलते हुए भारत ने पुणे में दूसरा टेस्ट 113 रन से गंवा दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां वानखेड़े स्टेडियम की पिच फिर से स्पिनरों के अनुकूल हो सकती है। नायर ने इस बात से इनकार किया कि टीम के बेस्ट प्रदर्शन के लिए स्पिन की अनुकूल पिचें बनाई जा रही हैं। नायर ने कहा, काश हम पिचों को अपने हिसाब से तैयार करा पाते लेकिन हम ऐसा नहीं करते। क्यूरेटर ऐसा करते हैं। हमें जैसी भी पिच दी जाएगी, हम खेलते हैं (चाहे वह तेज गेंदबाजी की मददगार पिच हो या टर्न वाली पिच हो)। उन्होंने कहा, क्रिकेटर और एक टीम के रूप में हम उसी पर खेलते हैं जो हमें दिया जाता है। हम अपनी मर्जी से परिस्थितियां बनाने की कोशिश नहीं करते।
टीम इंडिया को लेकर कहा जा रहा था कि पुणे टेस्ट में रैंक टर्नर पिच बनवाकर उसने अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार ली थी। भारतीय स्पिनर जहां कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए, वहीं न्यूजीलैंड के स्पिनरों खासकर मिचेल सेंटनर ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भारतीय बल्लेबाजों की नींद हराम कर दी। बंगलुरु टेस्ट में भी टीम इंडिया का प्रदर्शन औसत दर्ज से खराब रहा था और फिर पुणे में भी टीम वापसी नहीं कर पाई। भारत इससे पहले विराट कोहली की कप्तानी में कभी भी होम टेस्ट सीरीज नहीं हारा है। इस टेस्ट सीरीज में हार झेलने के बाद टीम इंडिया के सिर पर अब तलवार लटक रही है, क्योंकि उसे अब बचे हुए छह टेस्ट मैचों में से चार में जीत दर्ज करनी होगी। भारत को वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मैच से पहले एक टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज ऑस्ट्रेलिया में खेलनी है।