एंकरिंग के साथ मिमिक्री से अपना करियर को आसमान की बुलंदियों ले जाने वाले सुदेश लहरी का आज जन्मदिन है, आइये जाने उनकी ज़िंदगी को करीब से।

वो व्यक्ति जिनका नाम ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ला देता है, उन्होंने कई प्रमुख फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू दिखाया है। हैरानी की बात यह है कि यह व्यक्ति, जिन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, कभी-कभी मौजूदा युग में अपने रोज़गार से मोहताज रहे हैं। आज, हम उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन के संघर्षों की एक अद्वितीय कहानी सुनाने जा रहे हैं।

सुदेश लहरी का जन्म 27 अक्टूबर 1964 को पंजाब के जालंधर जिले में हुआ था। वह इसी शहर में पढ़ा-लिखा थे, और वहां की बचपन की यादें भी विशेष थीं।

सुदेश ने बचपन से ही आर्थिक संकटों का सामना किया, और उन्होंने छोटी उम्र से काम करना शुरू किया। वह कई कठिनाइयों का सामना करने वाले थे, और एक समय ऐसा भी आया कि वे चाय की दुकान में काम करने लगे थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वे अक्सर चाय बनाने में पैसों की कमी के कारण खुद चाय तक नहीं पीते थे। लेकिन वे यह काम दुकान में इमानदारी से करते थे। उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी कई इंटरव्यू में उन्होंने बताई हैं।

वह याद करते हैं कि बचपन में उन्होंने कारखानों में काम किया, सब्जी बेची, और कुल्फियां तक बेचीं। उनके पास धन की कमी के कारण कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। इन सभी कठिनाइयों के बावजूद, सुदेश ने अपने मेहनत और संघर्ष के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की और कई हिट फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू दिखाया।

आज, वह एक प्रमुख अभिनेता है और उनका जन्मदिन आज है, जिसे उनके फैंस और उनके द्वारा प्रशंसा किए जाने वाले लोग खास तौर से मनाते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, संघर्ष, और संविदानिकता का महत्व होता है। सुदेश लहरी ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा किया।

सुदेश बचपन से ही गाने के बहुत शौकीन थे। वह गांव के आर्केस्ट्रा में काम करते थे, और वहां पर माइक पर एंकरिंग करके लोगों की मिमिक्री भी किया करते थे। वह फिल्में देखने के बवजूद भी पैसे के बिना थे, लेकिन उनका प्यार फिल्मों से कभी कम नहीं हुआ।

कभी-कभी, वह सिनेमाघर के बाहर लाइन में खड़े हो जाते थे और लोगों से कहते थे कि उनके पास फिल्म देखने के लिए पैसे नहीं हैं। लोग उनकी मदद कर देते थे और वह एक ही दिन में कई फिल्में देख लेते थे।

सुदेश का करियर शुरू हुआ “द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज” से। फिर, उन्होंने “कॉमेडी सर्कस” और “कॉमेडी क्लासेस” के माध्यम से अपनी शोहरत की ऊंचाइयों तक पहुंचा दी। अब, वे बड़ी फिल्मों में भी छाई मार रहे हैं, जैसे कि “रेडी” और “जय हो”। उन्होंने “टोटल धमाल”, “मुन्ना माइकल”, और “ग्रेट ग्रैंड मस्ती” जैसी फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया है।

इस विशेष दिन पर, हम सुदेश लहरी को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ भेजते हैं और उनके आत्मविश्वास को सलाम करते हैं। वे एक उदाहरण हैं कि संघर्षों के बावजूद, सपने सच हो सकते हैं।

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