आईआईटी रुड़की में 25 लाख से ज्यादा का छात्रवृत्ति घोटाला

महिला कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी रुड़की) के एससीएसपी यानी सीनेट कमेटी फॉर स्कॉलरशिप एंड प्राइजेज प्रकोष्ठ में 25 लाख 62 हजार 361 रुपये का छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया है। घोटाला सामने आने के बाद आईआईटी प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस मामले में कुलसचिव ने एससीएसपी प्रकोष्ठ में प्रोजेक्ट पद पर तैनात महिला कर्मचारी के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में सामने आया है कि महिला ने अपने परिजनों के खाते में यह रकम जमा कराई थी। पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़तात करने में जुट गई है।
रुड़की सिविल लाइन कोतवाली पुलिस को प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के कुलसचिव प्रशांत गर्ग ने तहरीर दी है। तहरीर में बताया गया है कि (एससीएसपी) एससीएसपी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने बीते 26 अप्रैल 2024 को उन्हें प्रकोष्ठ में 25 लाख 62 हजार रुपये की धोखाधड़ी के शक में जांच कमेटी गठित करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। जिसके बाद मामले की जांच को लेकर 21 अगस्त 2024 को दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई थी।
गठित की गई टीम ने मामले की गहनता से जांच की। जांच में सामने आया कि प्रकोष्ठ कार्यालय की ई-मेल से आईआईटी के छात्रों को 23 मई 2023 और 5 अक्टूबर 2023 को मेल भेजकर उनसे स्कॉलरशिप के नॉन रिफंडेबल अमाउंट को वापस करने के लिए बोला गया था। इस ई-मेल का लॉग इन और पासवर्ड प्रकोष्ठ में प्रोजेक्टर पद पर तैनात महिला कर्मचारी के पास था। ई-मेल में छात्रों को भारत सरकार के निर्देशों का भी हवाला दिया गया था। 28 सितंबर को जांच रिपोर्ट अधिकारी को सौंप दी गई थी।
आरोप है कि यह रकम प्रोजेक्टर पद पर तैनात महिला कर्मचारी ने अपने परिजनों के बैंक खातों में जमाई कराई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद महिला कर्मचारी को हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में वित्त अधिकारी के सामने महिला कर्मचारी ने लिखित में बयान देते हुए अपनी गलती भी स्वीकार की थी। उसने पूरी रकम जमा करने की बात कही थी। हालांकि, अभी तक उनके ने मात्र चार लाख की रकम ही जमा की गई है।

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