साल 2024 में 1.73 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन कर कमाए पुण्य
रुद्रप्रयाग पंचकेदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो गई है। इसके साथ ही मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में बाबा तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गई है। इससे पहले बाबा तुंगनाथ की डोली मक्कूमठ पहुंचने पर स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया।
पूरे डोली यात्रा मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा तुंगनाथ की उत्सव डोली के दर्शन किए। शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ को तुंगनाथ की डोली के पहुंचने के अवसर फूलों से सजाया गया। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस साल 1,73,742 श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर पुण्य कमाए।
गौर हो कि तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने चोपता में प्रवास किया। इसके बाद 5 नवंबर और 6 नवंबर को चल विग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुंड प्रवास पर रही। आज यानी 7 नवंबर को सुबह भनकुंड से प्रस्थान कर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंची।
इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह मूर्ति को मक्कूमठ मंदिर गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गई है। बाबा तुंगनाथ की देव डोली के मक्कूमठ पहुंचने पर पूर्व विधायक आशा नौटियाल समेत मठापति राम प्रसाद मैठाणी, बदरीनाथ धाम के सेवानिवृत्त मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।