नन्दा के भक्तों का जत्था अयोध्या के लिए रवाना

ग्राम सभा क्वीली से 22 सदस्यीय जत्था भक्ति और उत्साह के साथ हुआ रवाना
सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखना यात्रा का उद्देश्य: सुबोध
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के पवित्र नन्दा देवी प्रांगण से ग्राम सभा क्वीली के नन्दा भक्तों का 22 सदस्यीय जत्था भक्ति और उत्साह के साथ अयोध्या के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा चार दिनों तक चलेगी और इसका उद्देश्य भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में दर्शन कर आस्था को प्रगाढ़ करना है। इस यात्रा की पहल ग्राम सभा क्वीली के युवा और विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री सुबोध चंद्र पुरोहित ने की है।
सुबोध ने न केवल इस यात्रा का आयोजन किया, बल्कि इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण समुदाय को एक साथ जोड़कर हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखना भी है। यात्रा की शुरुआत नन्दा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना और भक्ति गीतों के साथ हुई। मां नन्दा और भगवान श्रीराम के जयकारों के बीच भक्तों ने प्रस्थान किया। यात्रा में शामिल भक्तों ने विशेष रूप से पारंपरिक परिधान धारण कर अपने उत्साह को प्रकट किया। चार दिवसीय यात्रा में भक्त अयोध्या में भगवान श्री रामलला के दर्शन करेंगे। सरयू नदी में स्नान करेंगे और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। दल के सदस्यों ने बताया कि वे अयोध्या में सामूहिक भजन-कीर्तन और हवन का आयोजन भी करेंगे। यात्रा में भाग ले रहे भक्तों का कहना है कि यह उनके लिए एक अनूठा अवसर है। एक सदस्य ने कहा कि “हम सभी अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करने के लिए उत्साहित हैं। इस यात्रा से हमें आध्यात्मिक शांति और जीवन में नई ऊर्जा मिलेगी। सुबोध चंद्र पुरोहित ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल धार्मिक यात्रा करना है, बल्कि युवाओं को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि “यह यात्रा हमारे सांस्कृतिक मूल्यों और समाज को एकजुट करने का प्रयास है। ग्राम सभा क्वीली के ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की है। यात्रा के दौरान दल को विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। ग्राम प्रधान ने कहा कि “सुबोध चंद्र पुरोहित द्वारा आयोजित यह यात्रा हमारी धार्मिक परंपराओं को मजबूत करने का एक अनुकरणीय प्रयास है। सुबोध चंद्र पुरोहित ने संकेत दिया कि भविष्य में ऐसी और यात्राओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं सुदृढ़ हो सके।
चार दिनों की इस यात्रा से लौटने के बाद भक्त अपने अनुभव और भक्ति के संदेश को ग्राम सभा क्वीली के अन्य सदस्यों के साथ साझा करेंगे। इस पहल से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में आपसी भाईचारे और सामुदायिक एकता का संदेश भी फैलेगा।

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