पाकिस्तान की एजेंसी, आइएसआइ, ने अमृतसर-तरनतारन सेक्टर में हथियारों की बड़ी मात्रा में छिपे हुए तस्करों के माध्यम से हथियारों की बड़ी खेप ठिकाने लगाई है। इन हथियारों का उपयोग दिवाली से पहले पंजाब में हमले की योजना बनाई गई है, जबकि अन्य हथियारों को जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को पहुंचाने के लिए भेजा जाना है।
इस मामले में, शनिवार को, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी राज मुहम्मद अंदलीब और उजैर उल हक को स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़ा गया। इसके बाद, सुरक्षा एजेंसियाँ उन हथियारों की खोज में जुट गई हैं।
आतंकी राज मुहम्मद अंदलीब और उजैर उल हक ने स्वीकार किया है कि भारत की सेना द्वारा कश्मीर में लिए गए कठिन कदमों के कारण, आइएसआइ ने अब हथियारों को पंजाब पहुंचाने का रास्ता चुना है। इस सेक्टर में पहले ही पाकिस्तान के तस्करों ने ड्रोन के माध्यम से आईडी, हैंड ग्रेनेड, एके तरह की राइफलें, और हेरोइन की खेपें भेजी हैं।
जांच एजेंसी को पता चला है कि गिरफ्तार उजैर उल हक का रिश्तेदार फिरदौस अहमद ने पिछले कई सालों से पाकिस्तान में बैठकर लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया है। उसने पहले ही जम्मू-कश्मीर के द्वारा हथियारों की खेप अपने संगठन तक पहुँचाई है और अब वह पिछले एक साल से इस सेक्टर के तस्करों के संपर्क में है।
सीमा से सटे गांवों में, पुलिस की खुफिया शाखा विशेष तौर पर सतर्की से काम कर रही है। इन आतंकियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने चार व्यक्तियों को दो आइईडी, दो हैंड ग्रेनेड, दो मैगजीन, पिस्तौल, 24 कारतूस, आठ डेटोनेटर, एक टाइमर स्विच और चार बैटरियां के साथ आपूर्ति कर दी थी। अब, सुरक्षा एजेंसियों को इन चारों को ढूंढने का काम कर रहीं है।