पाइप प्लान फेल होने के बाद अन्य प्लान की तैयारियां तेज

वर्टिकल ड्रिलिंग का काम सतलुज जल विघुत परियोजना की विशेषज्ञों को सौंपा
भारी भरकम मशीन को पहाड़ की चोटी तक ले जाने में जुटे

उत्तरकाशी। पाइप प्लान के फेल होने के बाद अब वर्टिकल ड्रिलिंग प्लान और हारिजेंटल ड्रिलिंग प्लान की तैयारी को तेज किया जा रहा है। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम सतलुज जल विघुत परियोजना की विशेषज्ञों को सौंपा गया। आज अपनी भारी भरकम मशीन को पहाड़ की चोटी तक ले जाने के काम में जुटे हुए हैं हो सकता है कल तक यह काम शुरू हो जाए लेकिन यह काम अत्यधिक जोखिम भरा है तथा इसे अगर सफलता पूर्वक किया भी जा सका तो इसमें तीन से चार दिन का समय लगना तय है। वही हारिजेंटल ड्रिलिंग का काम करने वाली रेलवे की टीम का कहना है कि उसे इस काम में 10 दिन से एक माह तक का समय लग सकता है तीसरा जो एक अन्य विकल्प है वह बड़कोट की तरफ से सुरंग की खुदाई का लेकिन इस काम में महीनों का समय लगेगा इसलिए उसे सोचा जाना भी बेकार है। रेस्क्यू के कार्य को भले ही पीएमओ की देखरेख में आने के बाद युद्ध स्तर पर किया जा रहा हो लेकिन अब इसके बहुत जल्द पूरा होने की संभावनाए दिखाई नहीं दे रही। जिससे सुरंग में फंसे लोगों और परिजनों की चिंताएं और भी अधिक बढ़ गई है। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमे लगता है कि हर किसी का ध्यान इस पर है कि यह ऑपरेशन कब खत्म होगा, लेकिन आपको यह देखने की जरूरत है कि यह ऑपरेशन और भी जटिल होता जा रहा है। हमने आपको कभी समयरेखा नहीं दी है। मैंने अनुभव किया है कि जब आप पहाड़ों के साथ कुछ करते हैं, तो आप कुछ भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते। यह बिल्कुल युद्ध जैसी स्थिति है।

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