जरूरत से ज्यादा मीठा खाने से आपको मोटापा, डायबिटीज और हार्मोनल इंबैलेंस जैसी समस्याएं आसानी से घेर सकती हैं। अगर आपको भी वक्त-बेवक्त मीठा खाने की आदत है, जिसे कंट्रोल करना आपके बस में नहीं तो तुरंत अपने रूटिन में बालासन योग को शामिल करें। बालासन योग को अंग्रेजी में चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है।
बालासन योग का नियमित अभ्यास व्यक्ति की शुगर क्रेविंग को कम करने के साथ उसे स्ट्रेस, चिंता जैसी समस्याओं से भी दूर रखने में भी मदद करता है। ऐसे में आइए जानते हैं बालासन योग करने का क्या है सही तरीका और इसके फायदे।
बालासन करने का सही तरीका-
बालासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें। ऐसा तब तक करें जब तक आपकी हथेलियां जमीन को न छूने लगे। इसके बाद अपने सिर को जमीन पर टिकाकर इस मुद्रा में आने के बाद शरीर को अनवरत छोड़ दें और रेस्ट करें। अब सांस लें और सांस छोड़ें। सांस लेते और छोड़ते समय जल्दबाजी न करें। इस मुद्रा में 3 मिनट तक बने रहें। रोजाना कम से कम 5 बार यह आसन जरूर करें।
बालासन के फायदे-
-बालासन करने से शुगर क्रेविंग कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
-बालासन करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है।
-बालासन करने से जांघों, कूल्हों और टखनों में मजबूती आती है।
-बालासन शरीर में मांसपेशियों को राहत देने के साथ पीठ दर्द को भी दूर करने में मदद करता है।
-बालासन करने के शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन आता है।
-बालासन करने से तनाव से मुक्ति मिलती है।