दिसंबर के प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के आगामी समय में, उत्तराखंड सरकार ने विशेष ध्यान देने योग्य योजनाओं की ओर कदम बढ़ाया है, और इसके तहत एक बड़े निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसका मूल्य 2.50 लाख करोड़ रुपये है। सम्मेलन के पूर्व, यह बात स्पष्ट हो गई है कि 55 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर बात बन भी गयी है.
उपनिवेशन दौरे के अंतर्गत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह धामी ने अबु धाबी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि यूएई के साथ उनके प्रदेश में पूर्व से ही 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव पर बात चित की गई है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि निवेशकों के लिए उत्तराखंड में बहुत अच्छी संभावनाएं हैं, चाहे वे देश के अंदर हों या विदेश से आएं.
उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में पहचान मिलती है, जहां केदारनाथ, बदरीनाथ, और जागेश्वर धाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं, और यहां की नदियाँ, जैसे कि गंगा और यमुना, भारतीय सभ्यता के मूल स्रोत हैं. सरकार ने उत्तराखंड के विकास के लिए सांस्कृतिक, प्राकृतिक, और आध्यात्मिक सुंदरता को महत्वपूर्ण मानकर उसका समर्थन किया है. सरकार ने यहाँ के विकास के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण, और संतुष्टि के मूलमंत्र पर काम कर रही है, और इसके तहत पर्यटन, वेलनेस, और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ अनेक नए और गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने इस विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि यूएई में रियल स्टेट क्षेत्र ने काफी प्रगति की है, और वहां की प्रमुख इमारतें अपनी विशेष पहचान बना चुकी हैं. राज्य के शहरों के योजनाबद्ध विकास और नए शहरों की स्थापना के लिए यूएई का साथ बहुत महत्वपूर्ण है. इस मौके पर, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, मुख्यमंत्री के सचिव डा. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, सचिव उद्योग विनय शंकर पांड्य, और महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा भी मौजूद थे.