चंडीगढ़।भांग के पौधों को नष्ट करने को लेकर सौंपे हलफनामे पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए यूटी प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है।
हाईकोर्ट ने कहा कि पौधों को काटने के बाद विभिन्न सेक्टरों की फोटो सौंप दी गई, भविष्य में पौधे दोबारा न उगे इसके लिए क्या इंतजाम किया है इस पर हलफनामा मौन क्यों है।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस पहलू को ध्यान में रखते हुए जवाब दाखिल करने का प्रशासन को आदेश दिया है। साथ ही हरियाणा व पंजाब के एडवोकेट जनरल को इस विषय में सहायता के लिए हाजिर रहने का निर्देश दिया है।
संगरूर में 800 ग्राम सुल्फे की बरामदगी के मामले में सह आरोपी की जमानत याचिका हाईकोर्ट पहुंची थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि सचिवालय के निकट व राजेंद्र पार्क में भांग के पौधे बड़ी मात्रा में लगे हुए हैं।
इन्हीं भांग के पौधों से सुल्फा व अन्य नशीली सामग्री तैयार होती है। अक्सर शहर के लोग आसानी से मिलने वाली नशे की इस सामग्री का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे जाते हैं।
हाईकोर्ट ने कहा था कि यह बेहद गंभीर विषय है क्योंकि नशा न केवल आम लोगों को बल्कि खास तौर पर युवाओं को दीमक की तरह खा रहा है। ऐसे में आसानी से उपलब्ध नशे को समाप्त करना बहुत जरूरी है।
युवा इसे नशे में बदलकर कर रहे तस्करी
इन पौधों को नष्ट करने की जिम्मेदारी या तो सरकार भूल गई है या फिर आंखें मूंदे बैठे हैं। इन पौधों की की आसानी से उपलब्धता की वजह से युवा इसे नशे में बदलकर तस्करी कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए अब चंडीगढ़ प्रशासन को भांग के इन पौधों को नष्ट करने को लेकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। इस आदेश के साथ ही हाईकोर्ट ने पंचकूला व मोहाली में भी इन पौधों को लेकर हरियाणा व पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से कुछ फोटो पेश करके बताया गया कि विभिन्न सेक्टरों से इन पौधों को नष्ट किया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस प्रकार से पौधों को काटा गया है उनकी जड़ों को वहीं छोड़ दिया गया है।
जड़ से नष्ट नहीं किए जा सकते पौधे
यह कुछ ही समय में फिर उग जाएंगे। इन्हें जड़ से नष्ट नहीं किया गया और न ही इन्हें जलाया गया है। बरसात से पहले इनका उपाय करना बेहद जरूरी है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेकर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों ने जवाब के लिए समय मांगा और बताया कि मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग से इस बारे में बात की है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की टाल मटौल इतने गंभीर विषय पर स्वीकार नहीं की जा सकती। ऐसे में अगली सुनवाई पर हरियाणा व पंजाब के एडवोकेट जनरल इस विषय पर कोर्ट की सहायता के लिए मौजूद रहें।