शहीदों के परिवार को 10 लाख के बजाए अब मिलेंगे 50 लाखः धामी
सीएम पे वीर गति प्राप्त जांबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान किया ऐलान
अश्रितों की आवेदन अवधि आश्रितों को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल किया जाएगा
देहरादून। कारगिल विजय दिवस पर शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क में आयोजित मुख्य समारोह में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित के साथ ही कारगिल शहीदों के परिवार के लोगों को सम्मानित किया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जाएगी। सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि आश्रितों के लिए 2 साल से बढ़ाकर 5 साल किया जाएगा। आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी इसी श्रेणी में नियुक्ति प्रदान की जाएगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है. अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो है। सरकार सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है.सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। राज्य में अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्राविधान करने के लिए एक्ट लाया जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर के नेतृत्व में राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार में सेवायोजित किया जा रहा है। अभी तक 26 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देहरादून के गुनियाल गाँव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है.प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम इस पर अंकित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर्बटपुर में सैनिक कल्याण का दूसरा कार्यालय खोला जा रहा है।
मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला और पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सचिव (सैनिक कल्याण) दीपेंद्र चौधरी, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (सेनि), लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनि कुमार (सेनि), मेजर जनरल केएस राणा (सेनि), ब्रिगेडियर कीर्ति बहल (सेनि), ब्रिगेडियर हरीश सेट्ठी (सेनि), निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल (सेनि), एमडी (उपनल) ब्रिगेडियर जेएस बिष्ट (सेनि), जिलाधिकारी सोनिका, एसएसपी अजय सिंह भी उपस्थित थे।
नम आखों से प्रदेश भर में कारगिल शहीदों को किया याद
देहरादून। हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन वीर जवानों के ऑपरेशन विजय की शौर्यगाथा को बताता है। आज कारगिल दिवस के मौके पर देश के साथ ही प्रदेश में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देकर उनकी शहादत को याद किया जा रहा है।
बता दें कि भारत में हर साल 26 जुलाई के दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन यानी 16 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध जीता था। भारत पाक कारगिल युद्ध करीब 60 दिनों तक चला था। जिसका अंत 26 जुलाई को हुआ, जिसमें भारत विजयी हुआ। इस कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिक शहीद हुए। जिसमें उत्तराखंड के 75 जवानों ने भी शहादत की थी। वहीं, कारगिल युद्ध में 453 आम नागरिकों ने भी अपनी जान गंवाई थी। कारगिल विजय दिवस के मौके टिहरी के बौराड़ी में शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया गया। पूर्व सैनिक कृष्ण ममगाईं ने कहा कि थल सेना, वायुसेना और जल सेना देश की लाइफ लाइन है। अगर देश की लाइफ लाइन खत्म हो गई तो फिर देश में कुछ नहीं बचता है। इसलिए देश की लाइफ लाइन से कोई छेड़खानी नहीं होनी चाहिए। इनको मजबूत करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए।