दशहरा पर्व के अवसर पर देहरादून में आये और जाने वाले सैलानियों के वाहनों को नियंत्रित करने के लिए कोई योजना न होने से, शनिवार को शहर में पूरी तरह से यातायात में ठप्प हो गया। शाम के आसपास, स्थिति का पूरी तरह से अनियंत्रित होने पर, पुलिस बल अपने सुस्ती को तोड़कर सड़क पर उतर गया, लेकिन शहर के मुख्य मार्ग और राजमार्गों पर यातायात पूरी तरह से जाम की स्थित बनी रही।
इसे किसी भी तरह की पुलिस की लापरवाही कहें या फिर असफलता, त्योहारी सीजन में किसी भी यातायात योजना की अभाव के कारण, शनिवार को सुबह से रात तक पूरे शहर में यातायात ठप्प रहा। तीन दिन की अवकाश के कारण, दशहरा पर्व पर पर्यटकों की भीड़ और महाअष्टमी पर शहर में खरीददारी करने वालों के आगमन के कारण सुबह से ही मुख्य मार्गों पर यातायात जाम हो गया था, लेकिन शाम के साथ-साथ स्थिति और अत्यंत खराब हो गई।
रिस्पना के सेवाओं का उपयोग करने वाले वाहनों को कारगी तरीके से बाहर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कारगी मार्ग पर जाम लग गया। मंडी के आसपास भी दोनों लेनों में वाहनों की दीर्घकता बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप, 10 मिनट के सफर को तय करने में 40 मिनट तक का समय लग गया।
शाम के पास पांच बजे, रिस्पना से धर्मपुर मार्ग पर यातायात ज्यादा हो जाता है। शनिवार की शाम को इस यातायात में और बढ़ जाता है। हरिद्वार बाईपास पर यातायात जाम के कारण, अधिकांश वाहन शहर की ओर बढ़ने लगे। इसके परिणामस्वरूप, नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में भी सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ गई। यहां पर पांच मिनट के सफर में लगभग 30 मिनट का समय लगा।
वे लोग जो अन्य राज्यों से देहरादून आ रहे थे या बाईपास रोड के माध्यम से अन्य क्षेत्रों में जा रहे थे, वे ही लोग जाम में फंसे नहीं थे। जाम से परेशान लोगों में एक बड़ा भाग स्थानीय नागरिक थे। यदि सच कहें, शहर की बड़ी आबादी बाईपास रोड के पास स्थित इलाकों में निवास करती है, जैसे कि बंजारावाला, मोथरोवाला, कारगी, सरस्वती विहार, बंगाली कोठी, टर्नर रोड आदि। शहर के प्रमुख इलाकों के बीच आवागमन के लिए बाईपास एक महत्वपूर्ण रूप से काम आता है। शनिवार शाम को जिन लोगों ने इस रास्ते से यहां आवागमन किया, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।