उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त चल रहे स्कूलों के खिलाफ सरकार ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। अब पूरे प्रदेश में ‘सुयंक्त अभियान’ चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान, उन स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो बिना मान्यता प्राप्त के या मान्यता रद्द होने के बावजूद भी संचालित हो रहे हैं। इसमें दंड के साथ-साथ, एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने इस समस्या के समाधान के लिए जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने उन्हें अभियान की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया है। निर्देश में कहा गया है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी को समस्त ब्लॉकों में सघन अभियान चलाने के लिए कहा गया है, और यदि कोई विद्यालय बिना मान्यता प्राप्त संचालित हो रहा है, तो उन्हें तुरंत कठोर कार्रवाई करने की निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही, सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे अपने ब्लॉक में किसी भी विद्यालय को बिना मान्यता प्राप्त किए संचालित नहीं होने दें। और जिन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, उनकी विद्यालयवार सूची 22 नवंबर तक निदेशक बेसिक शिक्षा को प्रस्तुत करें।
निर्देश में यह भी व्यक्त किया गया है कि बिना मान्यता प्राप्त किए किसी स्कूल को न तो स्थापित किया जा सकता है और न ही संचालित किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति बिना मान्यता प्राप्त किए किसी स्कूल को संचालित करता है, तो उसके खिलाफ एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है, और उल्लंघन जारी रहने की स्थिति में प्रत्येक दिन के हिसाब से दस हजार रुपये तक का जुर्माना देना हो सकता है।