बीजेपी के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे की लखनऊ पीजीआई में दर्दनाक मौत, पीजीआई निदेशक को चेतावनी, डॉक्टर को किया कार्यमुक्त।

उत्तर प्रदेश के एक बीजेपी नेता और पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे की खराब हालत के कारण लखनऊ के पीजीआई में एक दुखद मौत हो गई है। आरोप है कि इस अस्पताल में उनके बेटे प्रकाश मिश्रा को उपचार के लिए उचित बेड उपलब्ध नहीं कराया गया। पूर्व सांसद के बेटे को किडनी की बीमारी थी और उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल में बेड नहीं उपलब्ध थे और उनके बेटे को इस कारण भर्ती नहीं किया गया।

जानकारी के अनुसार, प्रकाश मिश्रा लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और उनकी हालत रविवार को और भी खराब हो गई थी। इस परिस्थिति में, पूर्व सांसद ने उन्हें लेकर पीजीआई पहुंचे और तुरंत उनके इलाज की शुरुआत करने का अनुरोध किया। वह बेटे को स्ट्रेचर पर लिटा कर डॉक्टरों के आगे उसे भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे. डेढ़ घंटे तक उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन वह बेटे को अस्पताल में भर्ती नहीं करा पाए.

अस्पताल के डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया कि बेड उपलब्ध नहीं है, इसलिए उनके बेटे को भर्ती नहीं किया जा सकता है। इस मुद्दे पर डॉक्टरों और पूर्व सांसद के बीच विवाद चल रहा था, लेकिन फिर भी प्रकाश मिश्रा ने दम तोड़ लिया।

इसके बाद, जब बेटे की मौत हो गई, तो पूर्व सांसद ने अस्पताल प्रबंधन और वहां के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने तब ही इमरजेंसी वार्ड में धरना दिया।

उसके बाद, मौके पर हंगामा मच गया, और पीजीआई के डायरेक्टर आरके धीमान ने मामले की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस जांच कमेटी में पीजीआई के डॉक्टर संजय राज, डीके पालीवाल, और आरके सिंह शामिल हैं। इस तीन सदस्यीय टीम आज जांच पूर्ण करेगी, और उसकी रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई होगी।

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पूर्व बीजेपी सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे की दुखद मौत के सम्बंध में दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने लखनऊ पीजीआई के निदेशक को सतर्कता बताते हुए जांच की मांग की है। इस मामले के संदर्भ में पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाये हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपी में जब सत्ताधारी बीजेपी के पूर्व सांसद के बेटे को उचित उपचार नहीं मिल रहा है, तो आम जनता के लिए क्या राय देना चाहिए.

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