50 हजार के इनामी गोकश को मुठभेड़ में लगी गोली, साथी फरार; कार-नकदी व असलहा बरामद

एटा। कोतवाली देहात क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में अमरोहा जनपद का 50 हजार का इनामी गोकश पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जबकि उसका साथी मौके से भाग निकला। आरोपित के कब्जे से कार, नकदी और असलहा व कारतूस बरामद किए गए हैं। सात माह पूर्व गोकश ने साथियों की मदद से गोशाला पर धाबा बोलकर 21 गोवंशी की हत्या की थी। वहां से गुजर रहे ग्रामीणों के साथ भी मारपीट और लूटपाट की गई थी।

गुरुवार रात 10.30 बजे कोतवाली देहात पुलिस को सूचना मिली कि अमरोहा जनपद के सैद नगली थाना क्षेत्र के ग्राम थक्का निवासी 50 हजार का इनामी गोकश खालिद कार से अपने साथी समेत अमांपुर की ओर से एटा आ रहा है। इस जानकारी पर कोतवाली देहात पुलिस ने एसओजी टीम को साथ लेकर जिरसमी नहर पुल पर उसकी घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस ने कार को रुकवाने का प्रयास किया तो उसमें सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी, जिसमें कई पुलिस कर्मी बाल-बाल बच गए। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने खालिद को गिरफ्तार कर लिया। पैर में गाेली लगने से घायल हुए खालिद को पुलिस कर्मियों द्वारा मेडिकल कालेज लाया गया।

पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से गोकश के घायल होने की जानकारी मिलते ही एसएसपी राजेश कुमार सिंह, सीओ सिटी विक्रांत द्विवेदी मेडिकल कालेज पहुंच गए। पूछताछ के दौरान खालिद ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि उसने अपने साथियों की मदद से ग्राम लख्मीपुर की गोशाला से डेढ़ दर्जन से अधिक गाेवंशी की हत्या की थी। इस दौराना गोशाला के समीप से गुजर रहे समीपवर्ती ग्रामीणों के साथ भी लूटपाट करना खालिद ने स्वीकार किया है। कोतवाली देहात के इंस्पेक्टर नित्यानंद पांडेय ने बताया कि आरोपित के कब्जे से ईको कार, 2750 रुपये, एक तमंचा व तीन कारतूस बरामद किए गए हैं।

मौके से भागे जावेद की तलाश में लगीं टीम

एसएसपी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान मौके से भागे इनामी गोकश के साथी मुरादाबाद जनपद के मझोला थाना क्षेत्र के जयंतीपुर स्थित पीर का बाजार वाली गली नंबर दो निवासी जावेद उर्फ हाफिज की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीम लगी हुईं हैं, जल्दी ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दो स्थानों पर दिया था गोकशी की घटनाओं को अंजाम

कोतवाली देहात क्षेत्र में एक मई और दो मई की रात पवांस तथा लख्मीपुर गोशाला के समीप गोकशों ने दो वारदातों को अंजाम दिया था। इस दौरान गोशाला से निकालकर 21 गोवंशी की हत्या की गई थी, जबकि पवांस के पास आधा दर्जन से अधिक गोवंशी काटे गए थे।

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