टनल में फंसे मजदूरों को निकालना सरकार की प्राथमिकताः केन्द्रीय मंत्री

केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह पहुंचे उत्तरकाशी
6 मीटर लंबा एक पाईप ड्रिलिंग हुई पूरी

उत्तरकाशी।  केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह ने सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन एवं ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की प्रक्रिया का निरीक्षण किया। जनरल सिंह ने अधिकारियों की बैठक लेकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की और पत्रकारों से वार्ता कर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
ऑगर मशीन की स्थापना का कार्य पूर्ण होने के बाद सुरंग के भीतर जमा मलवे में ड्रीलिंग शुरू हो चुकी है। 6 मीटर लंबा एक पाईप ड्रिलिंग पूरी हुई। दूसरे पाइप की ड्रिलिंग जारी। टनल विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय संगठन और विशिष्ट प्रकृति के रेस्क्यू कार्यों में उच्चतम कोटि की दक्षता व अनुभव रखने वाले संगठनों व विशेषज्ञों से भी लगातार सलाह मशविरा किया जा रहा है। सरकार मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है और वैकल्पिक रणनीति भी तैयार रखी गई है। राज्य सरकार रेस्क्यू अभियान में उल्लेखनीय और सराहनीय सहयोग कर रही है।रेस्क्यू अभियान पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अभियान जल्द कामयाबी के साथ से संपन्न हो जाएगा।
इस दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, चीफ इंजीनियर राहुल गुप्ता, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, टनल रेस्क्यू प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल एनएचआईडीसीएल के अधिशासी निदेशक संदीप सुधेरा और निदेशक अंशु मनीष खलको उपस्थित रहे।

रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं सीएम धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  सिलक्यारा में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल एवं राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों से सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तथा टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में लगी सभी टेक्निकल एजेंसियों को हर संभव सहयोग दिया जाय। गढ़वाल कमिश्नर को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में किसी भी प्रकार से विलंब न हो, मौके पर कार्य कर रही एजेंसियों को राज्य की तरफ से सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाये। मुख्यमंत्री बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों  और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से भी समय- समय पर अपडेट ले रहे हैं।

टनल हादसे से सबक, अब सुरंग निर्माण कार्यों की समीक्षा खुद करेगी सरकार
देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में हुए भूधंसाव के चलते पिछले 5 दिनों से मजदूर टनल में फंसे हुए हैं। मजदूरों को टनल से बाहर निकलने के लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार प्राथमिकता के आधार पर टनल में फंसे लोगों को निकलने की कवायद में जुटी हुई है।
इसी बीच अब उत्तराखंड सरकार ने इस हादसे से सबक लेते हुए बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत भविष्य में होने वाले टनल निर्माण कार्यों की सरकार खुद समीक्षा करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में लगातार फ्रेश मलबा आ रहा है। इसके चलते राहत बचाव कार्यों में काफी दिक्कतें भी आ रही हैं। हालांकि अब नई तकनीकी की मशीन वायुसेना के माध्यम से वहां पहुंचाई गयी है, जो मलबे में ड्रिल करने का काम शुरू कर चुकी है। यह अत्याधुनिक मशीन 5 से 7 मीटर तक ड्रिल कर चुकी है और हर घंटे 5 से 10 मीटर तक ड्रिल करेगी। वर्तमान समय में तकनीकी विशेषज्ञ, तकनीकी चीजों पर भी विशेष ध्यान देते हुए तमाम जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि टनल में जो लोग फंसे हुए हैं, उनके लिए शासन-प्रशासन की ओर से खाने पीने समेत तमाम जरूरी सामानों की व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। ताकि उनको किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद राहत और बचाव कार्यों की जानकारियां लेने के साथ ही समीक्षा कर रहे हैं। पीएमओ स्तर से भी लगातार सभी को निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि जो सभी एजेंसियां और तकनीकी विशेषज्ञ रेस्क्यू के कार्य में लगे हैं, वो जरा भी लापरवाही न करें।

सिलक्यारा में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
देहरादून।  भारत सरकार के एनएचएआईडीसीएल के माध्यम से यह काम किया जा रहा है। इस सुरंग को बनाने का कार्य अंतिम चरण में था। क्योंकि करीब 400 मीटर कार्य भी बचा हुआ था। इसी दौरान भूधंसाव की घटना हुई है। टनल निर्माण कार्यों की समीक्षा कार्यदाई संस्था ही कर रही है। लेकिन भविष्य में जितने भी टनल और अन्य निर्माण कार्य होंगे उनकी अब सरकार समीक्षा करेगी। दरअसल उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में टनल की आवश्यकता है। वर्तमान में, अभी राज्य सरकार सभी शहरों की बेयरिंग कैपेसिटी की समीक्षा कर रही है और अब इसकी भी समीक्षा की जाएगी।

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