गाजियाबाद में हर्बल प्रोडक्ट बिजनेस के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का भांडाफोड़, हर्बल प्रोडक्ट के बिजनेस का झांसा देकर 20 लाख रुपये की ठगी।

गाजियाबाद में हर्बल प्रोडक्ट व्यापार के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह अब पुलिस की गिरफ्त  में है। साइबर सेल और इंदिरापुरम पुलिस की संयुक्त टीम ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। नीति खंड के एक निवासी, जिनका नाम राजेश यादव है, ने इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके साथ हर्बल प्रोडक्ट व्यापार के बहाने 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।

आरोपियों ने बेवकूफ बनाकर पीड़ित से भरोसा जिताया और उनसे 20 लाख रुपये की जमा करवा लिए। इस मामले की जांच का जिम्मा साइबर सेल और इंदिरापुरम पुलिस को सौंपा गया था, और उन्होंने त्वरित कदम उठाया।

इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट सितंबर में दर्ज की गई थी, जब इंद्रापुरम के निवासी राजेश यादव को ईमेल के माध्यम से धोखा दिया गया था। आरोपियों ने गुटका के नाम पर फर्जी आईडी से ईमेल भेजकर उनको मुनाफे का लालच दिया था। जब विभिन्न खातों में पैसे जमा करवा लिए गए, तो पीड़ित को धोखा मिला।

पुलिस की टीम ने इस मामले की जांच के लिए कई महीनों तक कठिन मेहनत की, और आखिरकार धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड आशीष जैसवाल को इंदौर और लखनऊ में दो मामलों में दर्ज किया गया है।

इस ओछी गिरोह के सदस्यों की निशानदेही पर 7 मोबाइल फोन, 47 डेबिड कार्ड, 2 क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड, पेन कार्ड, एक लाख रुपए नकद और एक गाड़ी का बरामदा किया गया है।

धोखाधड़ी गिरोह ने हर्बल प्रोडक्ट्स व्यापार के नाम पर फर्जी आईडी से ईमेल भेजकर लोगों को ठगा। विश्वास जितने के बाद आरोपी विभिन्न खातों में पैसे जमा करवा लेते थे। पुलिस की पूछताछ में साबित हुआ कि इस गिरोह ने 32 अकाउंट्स खोले थे, और उन्होंने एसके इन्टरप्राइजेज के नाम से फर्म भी रजिस्टर कराया था। इस फर्म के अकाउंट में ठग गिरोह ने पैसा मांगा था, और जब रकम आई, तो सदस्यों ने बन्दों को बाँट लिया।

गिरोह के दो सदस्य, जिनके नाम अकरम और सुभम (जिन्हें गोलू के नाम से भी जाना जाता है), अब भी फरार हैं, और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी हुई है।

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