नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और झांसी के विभिन्न स्थानों पर यथार्थ ग्रुप के अस्पतालों में इनकम टैक्स टीम द्वारा आयकर छापा गया है, और यह छापा 16 सर्च टीमों और 150 से अधिक अधिकारियों के साथ किया गया है। नोएडा में केवल 8 स्थानों पर छापा आयोजित किया गया है। इस समय, आयकर विभाग द्वारा कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
इस छापेमारी का मूल कारण तीन साल पहले हुआ था, जब कोरोना महामारी का समय था। उस समय, कई आरोप थे कि कोरोना फंड के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा गैर-ईमानदारी की गई थी। अब कैश ट्रांजैक्शन के दस्तावेज जांचे जा रहे हैं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने फंड की गुमराही हुई है।
इसके परे, गुरुवार को नोएडा के एक अस्पताल में मरीज की मौत हो गई, जिसके परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और विवाद बढ़ गया। पुलिस ने मामले को शांति से सुलझाने के लिए आगमन किया। परिजनों का कहना है कि वे न्याय नहीं मिलने पर प्रदर्शन जारी रखेंगे। बाद में पुलिस ने मामले को सुलझा दिया।
यथार्थ अस्पताल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, जिनमें अजय कुमार त्यागी और कपिल कुमार त्यागी भी शामिल हैं, हाल ही में हुरुन इंडिया की धनसंचय सूची में शामिल हुए हैं। अजय कुमार त्यागी के पास 1400 करोड़ रुपए की संपत्ति है और वह यूपी के 18वें धनी हैं। कपिल कुमार त्यागी के पास 1000 करोड़ रुपए की संपत्ति है और वह 30वें स्थान पर हैं।
व्यवसाय के आंकड़ों के अनुसार, यथार्थ हॉस्पिटल के परिणाम पहले तिमाही में अच्छे रहे हैं, और पहले तिमाही में अस्पताल का रेवेन्यू 111.07 करोड़ रुपए रहा है, जिसमें आय में 39% की वृद्धि हुई है।
सूत्रों के अनुसार, चारों शहरों में IT टीमों की छापे के परिणामस्वरूप, इसकी जांच लगभग 2 से 3 दिनों तक चल सकती है। इसके साथ ही, आने वाले 2 से 3 दिनों में अनएकाउंटेड ट्रांजैक्शन (जिसमें बिलिंग नहीं होने और टैक्स चोरी की संकेत हो सकती है) के बड़े साक्ष्य मिल सकते हैं। गुरुवार को अस्पताल के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, और डायरेक्टर से पूछताछ की गई, और इसके अलावा अकाउंट सेक्शन से जुड़े व्यक्तियों की फ़ाइलें भी देखी जा रही हैं। इनमें टैक्स हेरफेर के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इस छापे के दौरान, अस्पताल प्रबंधन के सामाजिक संबंध भी सामने आ रहे हैं। हालांकि इसके बारे में अभी तक कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है।