दिल्ली।भारतीय सेना भविष्य की जरूरतों के अनुसार युद्ध की रानी कही जाने वाली अपनी पैदल सेना यानी इन्फेंट्री की ताकत बढ़ाएगी। अत्याधुनिक हथियारों से लैस हो रही इन्फेंट्री की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए शीघ्र ही कई और कदम उठाए जाएंगे। मध्य प्रदेश के महू स्थित इन्फेंट्री स्कूल में आयोजित पैदल सेना कमांडरों के 37वें द्विवार्षिक सम्मेलन में इन्फेंट्री के समक्ष आने वाली चुनौतियों और इनसे मुकाबले की तैयारी को लेकर कई महत्त्वपूर्ण निर्णय किए गए। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में सम्पन्न दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान मौजूदा परिदृश्य व भविष्य की जरूरतों के अनुरूप इन्फेंट्री की क्षमताओं की समीक्षा की गई।
हाईब्रिड मोड में आयोजित सम्मेलन में सेना के उप प्रमुख, छह जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के सत्रह अधिकारी और मेजर जनरल रैंक के चौदह अधिकारियों के अलावा इन्फैंट्री रेजिमेंट के कमान अधिकारियों और रेजिमेंटल सेंटर कमांडेंट्स ने भी भाग लिया। कई प्रतिभागी महू में उपस्थित थे, जबकि कुछ अधिकारी देश के प्रमुख सैन्य स्टेशनों से सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हुए। सेना प्रमुख जनरल पांडे ने इन्फेंट्री को भविष्य के लिए एक अजय बल में परिवर्तित करने के लिए नवीनतम तकनीक अपनाने की दिशा में सभी स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। सम्मेलन में इन्फेंट्री भावना को बढ़ावा देने के साथ-साथ रेजिमेंटल लाइनों से परे बड़ी इन्फेंट्री बिरादरी के संबंधों को अधिक मजबूत बनाने में योगदान पर भी चर्चा हुई।
पैदल सेना ने दिखाई ताकत
सम्मेलन के दौरान इन्फेंट्री ने घातक मारक क्षमता, गतिशीलता, युद्धक्षेत्र पारदर्शिता, स्थितिजन्य जागरूकता और उत्तरजीविता के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम उपलब्धियों को प्रदर्शित किया। इन्फेंट्री को हाल ही में मिले उन्नत नई पीढ़ी के अत्याधुनिक हथियारों और उपकरण प्रणालियों के प्रदर्शन के जरिए दुश्मन से मुकाबला में इन्फेंट्री की उभरती हुई क्षमताओं को भी उजागर किया गया। सेना प्रमुख जनरल पांडे ने देश की पैदल सेना को भविष्य के लिए एक अजय बल में परिवर्तित करने के लिए नवीनतम तकनीक अपनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इस काम को आगे भी जारी रखने का आह्वान किया।