कोटद्वार। प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त बना हुआ है। भीषण बारिश से नदी नाले उफान पर बने हुए हैं। जनपद पौड़ी में पिछले 12 घंटों से अधिक समय से लगातार तेज बारिश हो रही है। तेज बारिश से कोटद्वार भाबर में बहने वाली मालन नदी उफान पर है। मालन नदी पर बना वैकल्पिक पुल नदी में आई भीषण बाढ़ में डूब गया है। कोटद्वार में पिछले वर्ष 13 जुलाई की भीषण आपदा में 13 वर्ष पूर्व बना मालन नदी पर बना पुल का पिलर धंसने से कोटद्वार भाबर का सम्पर्क टूट गया था। कोटद्वार भाबर की 2 लाख से अधिक जनता के लिए यातायात बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने मोटाढ़ाक हल्दूखाता मार्ग पर नदी पर हृयूमन पाइप की मदद से 1 करोड़ 74 लाख की लगात से वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। शनिवार को भीषण बारिश में मालन नदी पर बना वैकल्पिक पुल नदी में डूब गया है।
भारत नामदेव चक्रवर्ती राजा भरत की क्रीड़ा स्थली कण्वाश्रम में बहने वाली ऐतिहासिक मालन नदी उफान पर होने से रौद्र रूप में है। नदी पर बना वैकल्पिक पुल अपनी चपेट में ले लिया। वहीं लोक निर्माण विभाग के जूनियर अभियंता अजीत सिंह ने बताया कि वैकल्पिक पुल मजबूत बना हुआ है। वैकल्पिक पुल का डिजाइन भारी बरसात को सहन की क्षमता रखता है। भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग 534 लगातार बाधित बना हुआ है। आज सुबह कोटद्वार दुगड्डा के मध्य पांचवीं मील के पास पगला गदेरा उफान पर होने से एक घंटे के लिए सड़क मार्ग पर यातायात बंद रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग 534 सुबह 9 बजे के बाद से आवागमन के लिए सुचारू है। वहीं तेज बारिश के चलते सड़क मार्ग पर भूस्खलन का अंदेशा बना हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग धूमाकोट जूनियर अभियंता आशीष सैनी ने बताया कि तेज बारिश होने पर राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो सकता है। राजमार्ग विभाग ने भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए कोटद्वार आमसौड़ तक दो जेसीबी मशीन, दो पोकलैंड मशीन तैनात की हैं।
बारिश के चलते कुमाऊं मंडल में 87 सड़कें बंद
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में हो रही भारी बरसात के चलते जहां जन जीवन प्रभावित हो रहा है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुमाऊं में 87 सड़कें बंद हैं, जिसमें पिथौरागढ़ जनपद की एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आंकड़ों की बात करें तो पिथौरागढ़ जनपद में 27, चंपावत जनपद में 23 सड़कें बंद हैं, अल्मोड़ा जनपद में 8, बागेश्वर जनपद में 10 सड़कें बंद हैं, जबकि नैनीताल जनपद की 19 सड़कें बंद हैं। जारी रिपोर्ट के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग एक सड़क, जबकि बॉर्डर मार्ग की एक सड़क इसके अलावा 25 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इस बंद सड़कों में जिला मार्ग के अलावा ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। डिप्टी कुमाऊं कमिश्नर जीवन सिंह नगन्याल ने बताया की सभी सड़क मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन की टीम सड़कों को खोलने में जुटी हुई है। कुछ जगहों पर बारिश होने के चलते हैं, सड़क खोलने में देरी हो रही है। सड़क खोलने के लिए जेसीबी मशीनों को लगाया गया है और उम्मीद है कि शनिवार शाम या रविवार तक मार्ग खोल दिए जाएंगे।पिथौरागढ़ के धारचूला के दारमा, व्यास और चौदास घाटी जोड़ने वाली सड़क पांच दिनों से बंद होने से आवाजाही बाधित है। रोंगती एसएसबी पोस्ट के पास सड़क धंस गई है। चीन सीमा पर बसे दारमा, व्यास चौदास घाटी के गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। चंपावत जनपद टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के समीप सड़क पर भारी मलबा आया है। मलबा हटाने के बाद मार्ग पर आवाजाही सुचारू तो हो रही है, लेकिन बार-बार मलबा आने से सड़क बार-बार बंद हो रही है। जिसके चलते चंपावत पिथौरागढ़ मार्ग पर चलने वाले यात्रियों को फजीहत उठाना पड़ रही है।
रुद्रप्रयाग में भारी बारिश से अलकनंदा ने पार किया खतरे का निशान
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दिनों से बारिश जारी है। बारिश के कारण हालात अस्तव्यस्त हो गए हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण बंद हैं। अलकनंदा नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है। नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है।
नदी किनारे स्थित सभी घाट और रास्ते भी जलमग्न हो गए हैं। आवासीय भवनों की सुरक्षा दीवारों तक पानी पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग शहर में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चोक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं। भारी बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए डीएम सौरभ गहरवार ने शासकीय, अशासकीय स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी कर दी है। जखोली के बुढ़ना फतेड़ू में तीन मंजिला मकान का हिस्सा भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है।
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है। बदरीनाथ क्षेत्र में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते अलकनंदा नदी अपने खतरे के निशान 626 मीटर से ऊपर पहुंच गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से बेलनी स्थित हनुमान मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है। मंदिर की सुरक्षा दीवार तक पानी पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बने सभी घाट जलमग्न हो चुके हैं, जबकि नदी किनारे बने पैदल रास्ते भी डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को आवागमन की समस्या भी पैदा हो गई है। बारिश यदि इसी प्रकार लगातार जारी रही तो परेशानी बढ़ सकती है। केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है कि मौसम को देखकर ही यात्रा करें। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग शहर में भी जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है। ऑल वेदर सड़क के तहत निर्माण कार्य सही ढंग से नहीं होने के कारण नालियां चोक हो रही हैं। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चोक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं। भारी बारिश ने शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक दहशत का माहौल बना दिया है। विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुढ़ना (फतेड़ू) में भारी बारिश के चलते कलम सिंह पुत्र गैणा सिंह का तीन मंजिला मकान का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। वर्तमान समय में इस मकान पर लोगों की किराये पर दुकाने मौजूद हैं। अगर इसी प्रकार से बारिश का सिलसिला जारी रहा तो मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है।