लखनऊ के केजीएमयू हॉस्टल में एक दुखद घटना घटी, जिसमें एमबीबीएस के प्रथम वर्ष की छात्रा ने सुसाइड करने की कोशिश की. छात्रा ने खुद को उसके हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली. उसके साथी छात्रा ने इस दुखद दृश्य को देखा और वो चीख पड़ी. तुरंत ही, हॉस्टल के प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्रा को फंदे से बचाया. फिर, उन्होंने उसे तुरंत ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया.
छात्रा की स्थिति बहुत गंभीर थी, इसलिए उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. अब, इस दुखद घटना के पीछे क्या कारण है, वह जांच की जा रही है. केजीएमयू प्रशासन ने बताया कि इस घटना के पीछे छात्रा शिल्पी गाजियाबाद के विजयनगर से हैं, और वह एमबीबीएस के प्रथम वर्ष की छात्रा है. वह केजीएमयू के हॉस्टल के 208 नंबर कमरे में रहती थी. यह उसके एडमिशन के बारे में भी बताया गया कि उसने बस 1 महीने पहले ही एमबीबीएस में प्रवेश लिया था.
एक दिन, क्लास के बाद छात्राएं खाना खाने के लिए मेस जा रही थीं. वहाँ छात्राएं एक साथ जाने के लिए शिल्पी को भी बुला रही थीं. लेकिन शिल्पी ने इस पर इनकार किया और बोली, “मुझे अभी भूख नहीं है.” शिल्पी ने अपने कमरे में चली गई, और वहीं पर बस गई. इसी बीच, उसके पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसकी कॉल का कोई जवाब नहीं आया. उसने शिल्पी के कमरे की रूममेट से बात करने को कहा.
रूममेट ने शिल्पी के कमरे की ओर बढ़ते हुए दरवाजे पर खटखटाया और उसे बुलाया, लेकिन काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला.
जब रूममेट ने रूशनदान की ओर झांक कर देखा, उसका मन वाकई हिल गया। शिल्पी दुपट्टे के साथ, वह पंखों से लटकी थी। इस दृश्य को देखकर, रूममेट ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी। इस पर, अन्य छात्र भी उसके आसपास इकट्ठा हो गए। खबर पहुँचते ही, केजीएमयू के कर्मचारी और अधिकारी भी वहाँ पहुँच गए।
उन्होंने दरवाजा तोड़कर छात्रा को पंखों से उतार दिया। छात्रा को तुरंत ट्रामा सेंटर ले जाया गया। छात्रा की स्थिति बहुत ही गंभीर थी और उसे तुरंत वेंटिलेटर पर ले जाने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में उसकी स्थिति बहुत ही चिंताजनक है और डॉक्टरों का पूरा ध्यान उसके स्वास्थ्य पर है।