उत्तर प्रदेश भारत के महान कवियों में अपनी जगह रखने वाले कवि लवलेश यदुवंशी बचपन से ही कविता में रूचि रखते थे। यूपी के प्रतापगढ़ के गंभीराबाद, लालगंज अझारा के निवासी कवि लवलेश आज राष्ट्रीय कवि के रुप में पहचान बना चुके हंै। हिन्दी भाषा के प्रेम और कविता से प्यार की वजह से उन्होने हिन्दी व शिक्षाशास्त्र से एम.ए.किया, फिर बीएड किया फिर अध्यापन का कार्य करने लगे। लवलेश साधारण परिवार में जन्मे उनके पिता बृजेश यादव किसान और माता देवकी देवी गृहणी है। लवलेश अपनी मेहनत और लगन से गाँव जनपद और अपने देश की पहचान दी है। बेटी, शिक्षा, सेना, देश पर लिखी अनेको कविताओं ने इन्हे साहित्यिक मंचो से लेकर टेलीविजन के अन्य माध्यमों में अपना स्थान बनाने में मददगार साबित हुऐ।
लवलेश यदुवंशी को इनसे मिली पहचान
व्यवसाय – शिक्षणकाव्य लेखन विधा – 1 – मंचीय समसामयिक वीर रस, 2- अन्य – सबरस लेखन
संक्षिप्त उपलब्धियाँ – शेमारू टीवी – वाह भाई वाह शो मुंबई, जी न्यूज – कवि युद्ध शो दिल्ली, सूर्या समाचार चैनल, भारत समाचार – कविवार शो लखनऊ, डीडी यूपी, आज तक जी.एन.टी चैनल सहित विभिन्न राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर निरंतर काव्यपाठ, लखनऊ में अटल सम्मान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जी के करकमलों द्वारा सम्मानित, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पुरस्कृत, मेरठ हिंदी साहित्य अकादमी सम्मानित, हिंदी साहित्य अकादमी में राष्ट्रीय उप-महामंत्री, श्रावस्ती अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में सम्मानित, रायबरेली निर्मल सम्मान, उन्नाव मवई सम्मान, रेडियो पर प्रसारण, स्वतंत्रता सेनानी पं बाल मुकुंद वाजपेयी पग्गा सम्मान, श्याम नारायण पांडेय सम्मान सहित विभिन्न जनपदों में सारस्वत सम्मान इत्यादि।
– निरंतर राष्ट्रीय मंचों पर सहभागिता।