राहत बचाव कार्यो में मोबाइल नेटवर्क बना रोड़ा
एसडीआरएफ बड़ी लिंचोली से लेकर छोटी लिंचोली तक मलबे में ढूढे जा रहे शव
देहरादून। केदारनाथ में आई आपदा के बाद से तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। शनिवार सुबह 6 बजे से शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में लिंचोली से लगभग 150 लोगों को हेली के माध्यम से सिरसी हेलीपैड भिजवाया गया। जिला प्रशासन की टीम के साथ एसडीआरएफ की टीम लगातार सर्च अभियान चला रही है। बड़ी लिंचोली से लेकर छोटी लिंचोली तक मलबे में शवों की ढूढ़खोज की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने जानकारी देते हुए बताया कि कि दिनांक 31 जुलाई 2024 की रात्रि को केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग काफी स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। काफी लोगों का बारिश के चलते व नेटवर्क न रहने के कारण उनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा था, इनमें से रेस्क्यू के उपरांत काफी लोगों का उनके परिजनों से संपर्क हो गया है।
अधिकांश लोग अपने घर सकुशल पहुंच भी गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कतिपय माध्यमों से ऐसी भी सूचनाएं चल रही हैं कि इस पूरे घटनाक्रम में बड़ी संख्या लोग लापता हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों की सूचना पुलिस के पास है, लगभग सभी अपने घरों को पहुंच गए हैं। किसी भी तरह से अगर कोई भ्रामक सूचनाएं फैलाता है तो उस पर विश्वास न करें। अगर आपका परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है तो पुलिस से जरूर संपर्क करें।
प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
देहरादून। जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन रुद्रप्रयाग में आपके सहयोग के लिए है। परिवार जनों से संपर्क ना हो पाने का कारण यह है कि मौसम खराब होने व नेटवर्क की समस्या के चलते यह समस्या बनी हुई है। किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना से बचें। जिला पुलिस व जिला प्रशासन के स्तर से जारी हेल्पलाइन नंबर 01364-233727, 2331077, 297878, 297879, 233387, 7579257572, 8958757335, 8078687829, 7579104738 जारी किया गया है।
केदारनाथ त्रासदी में अभी तक चार शव बरामद
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर अत्यधिक बारिश होने के कारण मची तबाही के बीच कई लोगों के लापता होने की खबर भी सामने आ रही है। कई यात्रियों और स्थानीय लोगों के परिजन लापता होने की शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। दो दिनों तक चले रेस्क्यू अभियान के दौरान चार शव भी बरामद हो चुके हैं। हालांकि प्रशासन ने अभी तक इन शवों की कोई पृष्टि नहीं की है।
पैदल यात्रा मार्ग पर अत्यधिक बारिश के कारण भीमबली स्थित गदेरे में बादल फटने के बाद मंदाकिनी नदी का जल स्तर भी अत्यधिक बढ़ गया था। इस बढ़े जल स्तर के कारण गौरीकुंड में भयावह तबाही मची है। गौरीकुंड स्थित गर्म गुंड और घोड़ा पड़ाव नदी में बह गया। बताया जा रहा है कि गौरीकुंड स्थित घोडे पड़ाव से कुछ लोग और घोड़े-खच्चर नदी में बहे हैं। वहीं लिनचौली में दो शव बरामद हुये हैं। जबकि एक शव गुरूवार को विद्यापीठ तो एक शव शुक्रवार को कुंड से बरामद हुआ है। हालांकि इन शवों की कोई शिनाख्त नहीं हो पाई है और ना ही प्रशासन ने शवों को लेकर कोई सूचना दी है।
यात्रा मार्ग पर एक शव मिला
देहरादून। रेस्क्यू स्थल थारू कैंप के पास पत्थरों में दबे एक शव को निकाल निकाला गया है। जिसके पास से दो मोबाइल व अन्य सामग्री प्राप्त हुई है। शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारपुर के रूप में हुई है। शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिंचोली के सुपुर्द किया गया है। रेस्क्यू टीम द्वारा मिसिंग की तलाश को लेकर लिंचोली, भीमबली, गौरीकुंड, थारू कैंप, छोटी लिंचोली में सर्चिंग की जा रही है। सर्चिंग के दौरान थारू कैंप में एक मोबाइल प्राप्त हुआ, जिसे चौकी लिंचोली के सुपुर्द कर दिया गाया है। वहीं यात्रा मार्ग पर कई लोग लापता होने की आशंका जताई जा रही है।