केदारनाथ धमा का पैदल मार्ग एक हफ्ते में खुल सकता है

लोनिवि विभगा ने बैली ब्रिज निर्माण कार्य किया शुरू
देहरादून। रुद्रप्रयाग जिले में 31 जुलाई को आई आपदा के चलते सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है। केदारनाथ यात्रा मार्ग दो जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते केदारनाथ यात्रा पर रोक लगी हुई है, लेकिन हेली सेवाओं के जरिए यात्री बाबा केदार के दर्शन करने जा रहे हैं। इसी बीच उत्तराखंड सरकार सड़क मार्ग के जरिए केदारनाथ यात्रा को सुचारु करने पर जोर दे रही है, इसलिए केदारनाथ यात्रा मार्ग को ठीक करने के लिए एक हफ्ते का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि सड़क निर्माण कार्य बारिश के चलते बाधित हो रहा है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सीएम धामी ने सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में बरसात बंद होने के साथ ही सड़कों का काम शुरू हो रहा है। अगर कहीं सड़क का अधिकांश हिस्सा टूट गया है, तो वहां पर वैकल्पिक मार्ग और बैली ब्रिज बनाया जाएगा, जिस पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा केदार के दर्शन करने वाले यात्रियों को सरकार ने हेली टिकट किराए पर 25 फीसदी की छूट दी है।
पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि 31 जुलाई को हुई भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके तहत केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग और सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच की सड़क काफी क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने कहा कि मार्ग का चार हिस्सा वॉश आउट हुआ है। करीब 150 मीटर एनएच का भी हिस्सा वॉश आउट हुआ है। साथ ही सोनप्रयाग से आगे और गौरीकुंड से पहले दो जगहों पर सड़कों को नुकसान हुआ है।

केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगह पर हुआ था क्षतिग्रस्त
देहरादून। पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगह पर क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसे ठीक करने के लिए तत्काल पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू कर दिया था। कल शाम तक 20 जगहों पर सड़क को हुए नुकसान को ठीक कर दिया गया है। बाकी पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग से आगे और गौरीकुंड से पहले दो जगहों पर सड़कों को हुए नुकसान को ठीक करने के लिए काम शुरू किया जा चुका है। हालांकि, एनएच की जो 150 मीटर सड़क वॉश आउट हुई है, वहां पर मशीनें काम नहीं कर पा रही, क्योंकि बारिश के चलते भूस्खलन भी हो रहा हैं। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था भी जोर दिया जा रहा है, ताकि अगले एक हफ्ते के भीतर यात्रा शुरू किया जा सके।

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